अम्बेडकरनगर : लगातार गैरहाजिर छात्रों को तलाशें अफसर, सर्वशिक्षा अभियान के तहत एक माह के कार्यक्रम की रणनीति पर विचार करते हुए डीएम ने बीएसए से लेकर शिक्षक तक जवाबदेही तय की, निर्बाध एमडीएम व शिक्षक-छात्रों की उपस्थिति जरूरी
अम्बेडकरनगर : जिलाधिकारी विवेक ने परिषदीय वार्षिक परीक्षा के दौरान परिषदीय विद्यालयों में करीब साढ़े छह हजार छात्रों के परीक्षा में शामिल नहीं होने पर गहरी नाराजगी जाहिर की। लिहाजा लगातार अनुपस्थित चल रहे छात्रों की तलाश करते हुए उन्हें विद्यालय लाए जाने के लिए आदेशित किया। पहली अप्रैल से नवीन शिक्षण सत्र की शुरुआत और सर्वशिक्षा अभियान के तहत एक माह के कार्यक्रम की रणनीति पर विचार करते हुए डीएम ने बीएसए से लेकर शिक्षक तक जवाबदेही तय की है।
कलेक्ट्रेट सभागार में सर्वशिक्षा अभियान की बैठक को संबोधित करते हुए डीएम ने कहा कि परिषदीय विद्यालयों में अनुशासन व्यवस्था पर खास ध्यान दिया जाना चाहिए। शिक्षकों के नियमित विद्यालय पहुंचने के साथ ही पंजीकृत छात्रों की शतप्रतिशत उपस्थिति बनाए जाने की कोशिश करें। डीएम ने गत वर्ष के पंजीयन और तत्समय हुए छात्रों के इजाफे को ध्यान में रखते हुए स्कूल नहीं आने वाले बच्चों की ब्लाकवार जानकारी हासिल की। ऐसे में सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपते हुए प्रधानाध्यापक व शिक्षकों के अलावा शिक्षामित्र, अनुदेशक को गांवों में घर-घर संपर्क कर बच्चों को स्कूल लाए जाने की जवाबदेही तय करने को निर्देशित किया गया है। डीएम ने लगातार अनुपस्थित चल रहे अधिकांश छात्रों के आंकड़ों को लेकर पंजीयन पर ही उंगली उठाई।
ऐसे में आगामी पहली से 30 अप्रैल तक चलने वाले सर्वशिक्षा अभियान के तहत ब्लाक तथा जिला स्तर पर रैली निकालने की रणनीति तय की गई। इसमें वास्तविक आंकड़ों को दर्ज करते हुए पंजीयन में इजाफा किए जाने को कहा। डीएम ने एमडीएम संचालन को लेकर सख्ती करते हुए स्पष्ट किया कि परिषदीय विद्यालय में विभागीय लापरवाही के कारण एमडीएम बंद पाए जाने की दशा में कार्रवाई की जाएगी। शिक्षकों के नियमिति एवं समयबद्धता में विद्यालय आने के साथ ही छात्रों की शतप्रतिशत उपस्थिति को बनाए जाने के लिए बीएसए को निर्देशित किया।
बैठक में बीएसए आरबी मौर्य, खंड शिक्षा अधिकारियों में सीबी पांडेय, केपी सिंह, सुरेश कुमार, अरुण यादव, अशोक गौतम, बड़कऊ वर्मा, आरपी राम आदि मौजूद रहे।