लखनऊ : पांच महीने से नहीं मिला मानदेय, फीकी रहेगी होली, परिषदीय विद्यालयों में खाना बनाने वाले रसोइयों का हाल
लखनऊ (डीएनएन)। काकोरी के एक प्राथमिक विद्यालय में बच्चों के लिए मिड-डे-मील बनाने वाली कुसुमा यह सोच कर रोज समय से विद्यालय पहुंच जाती है कि शायद आज उसे मानदेय का पैसा मिल जाए। जिससे उसका परिवार भी होली की तैयारी कर सके। लेकिन मानदेय न मिलने से उसे रोज निराश होकर लौटना पड़ रहा है। यह स्थिति अकेले कुसुमा की नहीं बल्कि राजधानी सहित प्रदेश भर के पांच लाख रसोइयों की है। इन सभी को पिछले सितंबर-अक्टूबर से मानदेय का एक पैसा तक नहीं दिया गया। यही स्थिति तब है जबकि मिड-डे-मील पर करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे हैं, लेकिन रसोइयों को मात्र एक हजार रुपए दिए जाने वाला मानदेय का बजट विभाग के पास नहीं है।राजधानी में करीब 2029 परिषदीय, राजकीय, सहायता प्राप्त स्कूलों एवं मदरसा में कक्षा एक से आठ तक के बच्चों को गुणवत्तायुक्त मिड-डे-मील दिए जाने की व्यवस्था है। इनमें पढ़ने वाले करीब सवा दो लाख बच्चों के लिए मिड-डे-मील बनाने वाले करीब 3,687 रसोइयों को विभाग की ओर से एक हजार रुपए प्रति माह मानदेय दिए जाने की प्रावधान है। लेकिन पिछले पांच महीने से रसोइयों को मानदेय का एक पैसा तक नहीं दिया गया। कहीं बजट न होने तो कहीं विभागीय लापरवाही की वजह से रसोइया बिना मानदेय आर्थिक संकट से गुजर रहे हैं। मानदेय न मिलने से नाराज सैकड़ों रसाइया बुधवार को प्राथमिक विद्यालय रसोइया वेलफेयर एसोसिएशन के नेतृत्व में बीएसए कार्यालय का घेराव करने भी पहुंचीं थीं। लेकिन उन्हें जल्द मानदेय भेजने केआश्वासन पर शांत करा दिया गया। विभागीय आंकड़ों की मानें तो प्राथमिक विद्यालयों में अक्टूबर तक तथा उच्च प्राथमिक विद्यालयों में सितंबर तक रसोइयों के मानदेय का बजट भेजा गया था। उसके बाद अब तक कोई पैसा नहीं दिया गया।लापरवाही का ठीकरा केंद्र सरकार परपिछले पांच महीनों से मिड-डे-मील बनाने वाले रसोइयों को मानदेय के नाम पर एक पैसा तक नहीं दिया गया। रसोइयों ने संगठन के नेतृत्व में कई बार अफसरों से इसकी मांग की। लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। अब जिम्मेदारों इस लापरवाही का ठीकरा केंद्र सरकार पर फोड़ रहे हैं। माध्यान्ह भोजन प्राधिकरण के वित्त नियंत्रक डीबी सिंह का कहना है कि मिड-डे-मील में केंद्र सरकार का शेयर ज्यादा होता है, इस बार 9 मार्च को वहां से बजट आया है। राज्य सरकार के पास पैसे की कमी नहीं है। अब दो-तीन दिन में बजट जनपदों को भेजा जाएगा। हालंाकि होली से पहले मानदेय मिलेगा या नहीं, इस पर उन्होंने कुछ स्पष्ट जवाब नहीं दिया।रसोइया करेंगे आंदोलनप्राथमिक विद्यालय रसोइया वेलफेयर एसोसिएशन के नेतृत्व में बीएसए को दिए गए ज्ञापन में रसोइयों ने कहा है कि मानदेय न मिलने से परिवार भुखमरी की कगार पर है। साथ ही होली का त्योहार भी नजदीक है। यदि होली से पहले मानदेय नहीं दिया गया तो आंदोलन किया जाएगा।