बदायूं : और नहीं छिपेगा मुआयनों और कार्रवाई का सच, निरीक्षण, छापामारी और उन पर की गई कार्यवाही सब कुछ आइने की तरह साफ होगा और पूरी तस्वीर लखनऊ में मुख्य सचिव के सामने दिखाई देगी।
बदायूं । शासन ने ऐसी व्यवस्था अमल में लाने का निर्णय लिया है जिससे अब स्कूल विद्यालयों में होने वाले निरीक्षण और औचक छापामारी की हकीकत सामने आ जाएगी। इस में किसी भी तरह का शक या संदिग्ध परिस्थतियां नहीं रहेंगी। निरीक्षण, छापामारी और उन पर की गई कार्यवाही सब कुछ आइने की तरह साफ होगा और पूरी तस्वीर लखनऊ में मुख्य सचिव के सामने दिखाई देगी। शिक्षा का स्तर सुधारने और व्यवस्था में कसावट के लिए यह निर्णय लिया गया है।
जब तब स्कूलों और विद्यालयों में होने वाले निरीक्षण और औचक छापामारी का सच कतई नहीं छिपेगा। बेसिक परिषद के विद्यालय हो या कस्तूरबा आवासीय और अन्य विद्यालय। यहां निरीक्षण और होने वाली कार्रवाई जब तब सुर्खियां बनती रहीं हैं। ऐसे में कई बार निरीक्षण के पीछे की हकीकत को लेकर भी तमाम बातें परदे के पीछे होती है। इन सब का संज्ञान आला अधिकारियों ने ले लिया है। ताकि व्यवस्था में पारदर्शिता आए और सब कुछ आइने की तरह स्पष्ट हो सके।
उप शिक्षा निदेशक प्राइमरी व शिक्षा निदेशक बेसिक शशि किरण त्रिपाठी ने सभी मंडलीय अधिकारियों से इस पर संज्ञान लेने को कहा है। तय हुआ है कि हर माह होने वाले जिला स्तर के मुआयनों के बारे में विस्तृत रिपोर्ट बना कर मंडलीय अधिकारी को दी जाएगी। इसमें साफ तौर पर लिखा जाएगा कि निरीक्षण करने का मंतव्य क्या था और निरीक्षण में कमी क्या पाई गई। साथ ही यह भी उल्लेख करना होगा कि मिली कमी या खामी पर क्या एक्शन लिया गया। एक्शन और निरीक्षण के बाद क्या कुछ बदलाव हुआ या शिक्षक पर वेतन रोकने या अन्य निलंबन आदि कार्रवाई के बाद सब कुछ फिर पुराने र्ढे पर ही रहा।
इस रिपोर्ट को प्रत्येक माह पहले सप्ताह में मुख्य सचिव के समक्ष होने वाली बैठक में रखा जाएगा। कहीं चूक होने पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों की पूरी जवाबदेही होगी। फरवरी माह की रिपोर्ट सभी जिलों से मंडलीय अधिकारियों ने तलब कर ली है। इस नई व्यवस्था से शिक्षा क्षेत्र में कसावट आने की उम्मीद की जा रही है।