इलाहाबाद : शिक्षामंत्री भी बनाए जा सकते हैं बासुदेव यादव, सूत्रों की मानें तो बासुदेव यादव को भले ही छह माह के लिए ही शिक्षा महकमा दिया जाए, लेकिन दिया जरूर जाएगा।
हिमांशु मिश्र, इलाहाबाद : चाहे सरकार मुलायम सिंह यादव की रही हो अथवा अखिलेश यादव की। बासुदेव यादव जब तक सरकारी अधिकारी रहे, उनकी हनक बनी रही। इस तथ्य को विरोधी भी स्वीकार करते हैं। यही वजह है कि रविवार को जैसे ही उनकी जीत की घोषणा हुई, उन्हें सूबे के अगले शिक्षामंत्री के रूप में देखा जाने लगा। कहा जा रहा है कि भले ही अल्पकालिक समय के लिए वह मंत्री बनें, लेकिन उन्हें लालबत्ती जरूर मिलेगी। उन्हें शिक्षा विभाग की कमान सौंपी जा सकती है।
प्रशासनिक सेवा में आने के बाद से ही बासुदेव यादव सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव के नजदीकी हो गए थे। सूबे में जब भी सपा की सरकार बनी, बासुदेव यादव का कद बढ़ा। वर्ष 2012 में अखिलेश सिंह यादव की सरकार बनने के बाद वह माध्यमिक शिक्षा के निदेशक बन गए। इतना ही नहीं, सरकार ने बेसिक शिक्षा महकमा भी उनके हवाले कर दिया। पहली बार ऐसा हुआ था कि किसी अधिकारी को एक साथ प्राथमिक व माध्यमिक शिक्षा की कमान सौंपी गई। उनकी सेवानिवृत्त के बाद भी उन्हें संवैधानिक पद देने की चर्चाओं ने जोर पकड़ा था, लेकिन सपा मुखिया ने उन्हें राजनीति के मैदान में उतार दिया। सपा सूत्रों की मानें तो बासुदेव यादव को भले ही छह माह के लिए ही शिक्षा महकमा दिया जाए, लेकिन दिया जरूर जाएगा। वैसे भी अखिलेश मंत्रिमंडल में इलाहाबाद का प्रतिनिधित्व नहीं है। उज्ज्वल रमण सिंह जरूर दर्जा प्राप्त मंत्री हैं, लेकिन निर्वाचित नहीं।
📌 इलाहाबाद : शिक्षामंत्री भी बनाए जा सकते हैं बासुदेव यादव, सूत्रों की मानें तो बासुदेव यादव को भले ही छह माह के लिए ही शिक्षा महकमा दिया जाए, लेकिन दिया जरूर जाएगा।
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