इलाहाबाद : संस्कृत से स्नातक करने वाले दौड़ से बाहर, माध्यमिक शिक्षा परिषद की मुहर के बाद राजकीय मुद्रणालय ने किया गजट, राजकीय व अशासकीय कॉलेजों में हिन्दी शिक्षक का मानक हुआ एक
राब्यू, इलाहाबाद : राजकीय या फिर अशासकीय कॉलेज, दोनों जगह एलटी ग्रेड हंिदूी शिक्षक की अर्हता समान हो गई है। हंिदूी व संस्कृत विषय से स्नातक करने वाले शिक्षक बनने की दौड़ से बाहर होंगे। अब वही युवा अर्ह होंगे इंटरमीडिएट में जिनके पास संस्कृत हो व स्नातक में हंिदूी। माध्यमिक शिक्षा परिषद की मुहर के बाद राजकीय मुद्रणालय ने यह बदलाव गजट कर दिया है। अब आगे होने वाली नियुक्तियों बदली अर्हता ही मान्य होगी।
राजकीय और अशासकीय सहायता प्राप्त कालेजों में नियुक्ति पाने के लिए एलटी ग्रेड हंिदूी शिक्षकों की अर्हता में अंतर रहा है। अलग-अलग अर्हताओं के आधार पर वर्षो से भर्तियां भी चल रही थीं। इस फासले को माध्यमिक शिक्षा परिषद ने मिटा दिया है। परिषद मुख्यालय पर दिसंबर में हुई बैठक में एलटी ग्रेड हंिदूी शिक्षक की अर्हता को लेकर मंथन हुआ। इसमें तय हुआ कि दोनों की अर्हता समान कर दी जाएं। शासन का अनुमोदन मिलने के बाद परिषद ने इंटर में संस्कृत और हंिदूी से स्नातक करने वालों को एलटी ग्रेड हंिदूी शिक्षक बनने की अर्हता तय की है। इस निर्णय का प्रकाशन राजकीय मुद्रणालय ने भी जारी कर दिया है।
कॉलेजों में यह रही अर्हता - राजकीय कॉलेज : हंिदूी विषय के साथ स्नातक व माध्यमिक शिक्षा परिषद से इंटर या संस्कृत के समकक्ष परीक्षा उत्तीर्ण। अशासकीय कॉलेज : बीए हंिदूी और संस्कृत विषयों एवं एलटी या बीटी, बीएड या अन्य के साथ उत्तीर्ण। यह बदलाव : राजकीय व अशासकीय कालेज में एलटी ग्रेड हंिदूी शिक्षक बनने के लिए हंिदूी विषय के साथ स्नातक एवं माशिप से इंटर या संस्कृत के समकक्ष परीक्षा उत्तीर्ण हो।