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बदायूं : पौधारोपण संग जन्मदिवस का जश्न, गोंठा का उच्च प्राथमिक विद्यालय बना नजीर

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बदायूं : पौधारोपण संग जन्मदिवस का जश्न, गोंठा का उच्च प्राथमिक विद्यालय बना नजीर

बदायूं : कहते हैं पढ़ी लिखी बेटी रोशनी दो घर की। इसके बावजूद आज भी ऐसे कई इलाके हैं जहां बेटी पैदा होने पर खुशियां काफूर हो जाती हैं। वक्त बदला है और अब बेटियां बोझ नहीं रह गई। एक बेसिक विद्यालय ने अनूठी मुहिम शुरू की है। यहां बेटियों के जन्मदिन का जश्न यादगार तरीके से मनाया जाता है। छात्राओं के जन्मदिन पर न केक कटता है, न मिठाई बांटी जाती है। बल्कि पौधा लगाकर समाज को बेटियों की अहमियत का संदेश दिया जाता है। विद्यालय की मुहिम जिले में नजीर बन गई है। बेटियों के जन्मदिन का जश्न मनाने की मुहिम वजीरगंज ब्लॉक के गांव गोंठा स्थित उच्च प्राथमिक विद्यालय ने शुरू की है। विद्यालय में पर्यावरण संरक्षण के लिए ईको क्लब 'पृथ्वी' का गठन किया गया है। हर विद्यार्थी के जन्मदिन का चार्ट स्कूल में चस्पा है। जन्मदिन से दो दिन पहले छात्राओं को पौधरोपण की जानकारी दी जाती है। जो छात्राएं घर से पौधे नहीं ला सकतीं, उन्हें क्लब से पौधा दिया जाता है। आठवीं कक्षा के अभिषेक कुमार और सातवीं के अजहरुद्दीन के साथ 25 विद्यार्थी क्लब के सदस्य हैं। वे रोपे गए पौधों की रखवाली करते हैं। क्लब के प्रभारी सहायक अध्यापक मनोज वाष्र्णेय हैं। इसी साल यह मुहिम शुरू हुई। विद्यालय में सौ से अधिक पौधे रोपे जा चुके हैं। जब यह संदेश परिजनों तक पहुंचा, तब उन्हें अपनी बेटी की पैदाइश पर नाज हुआ। मुहिम को सराहा। अब क्षेत्र के गांव और विद्यालयों तक गोंठा की पहल नजीर बनी है। दूसरे विद्यालय भी इस संदेश को आत्मसात करने लगे हैं। परिजन अपनी लाडली के जन्मदिन पर लगाए गए पौधों की रखवाली के लिए ट्री-गार्ड लगाने लगे हैं। आस-पास के विद्यालय भी प्रेरणा लेकर विद्यार्थियों के जन्मदिवस से पर्यावरण संरक्षण की मुहिम में शामिल होने लगे हैं। गोंठा विद्यालय के सहायक अध्यापक मनोज वाष्र्णेय कहते हैं कि बेटी ईश्वर का सबसे बड़ा तोहफा है।

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