अंबेडकरनगर : मानदेय की विसंगतियों पर भड़के शिक्षा प्रेरक
अंबेडकरनगर : शिक्षामित्रों के समायोजन की राह निकलने के बाद अंशकालिक अनुदेशकों के संग अब साक्षर भारत अभियान में तैनात हुए शिक्षा प्रेरकों ने भी शिक्षक बनाए जाने की मांग बुलंद कर दी है। बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से दिए जा रहे मानदेय की विसंगतियों पर भड़के प्रेरकों ने शनिवार को कलेक्ट्रेट के निकट धरना और प्रदर्शन के माध्यम से आठ सूत्री मांगपत्र जिलाधिकारी को सौंपा। इसमें शिक्षक पद पर समायोजन किए जाने तक 16 हजार रुपये मासिक मानदेय के अलावा महिला प्रेरकों को राज्य कर्मचारी महिलाओं की भांति मातृत्व अवकाश दिलाए जाने की मांग शुरू की है।
प्रेरक संघ का गठन करते हुए बताया गया कि विभाग की ओर से साक्षर भारत अभियान में प्रेरक की तैनाती किए जाने के बाद दायित्वों से मुंह फेर लिया गया है। ऐसे में अभी तक प्रेरक के कार्य को परिभाषित नहीं किया जा सका है। विभाग की ओर से चयनित प्रेरकों को अभी तक प्रशिक्षण भी नहीं प्रदान किया गया है। संगठन की ओर से निरक्षरों को साक्षर बनाए जाने के लिए प्रशिक्षण दिलाने के साथ ही सहायक सामाग्री उपलब्ध कराए जाने की मांग की है। बताया गया कि मनरेगा मजदूरों से भी बदतर हालत शिक्षा प्रेरकों की है। मानदेय के रूप में मिलने वाली धनराशि में काफी विसंगतियां हैं। प्रेरकों से अधिक मजदूरी तो मनरेगा श्रमिकों को मिलती है। इस लिहाज से प्रेरकों को प्रतिमाह 16 हजार रुपये भुगतान किया जाना चाहिए। बताया गया कि अभियान के तहत तैनात शिक्षकों के भविष्य को सुरक्षित किए जाने की दिशा में नियमित शिक्षक बनाया जाए। वजह शिक्षा प्रेरक भी शिक्षक बनने की योग्यता को धारण करते हैं। प्रेरकों ने कहा कि गत मई माह का मानदेय 20 मई तक ही दिया गया है। जबकि प्रदेश के अन्य जनपदों में 31 मई तक मानदेय भुगतान हुआ है। यही नहीं प्रेरकों ने 12 महीनें का मानदेय दिया जाना सुनिश्चित करने को कहा है। संगठन की ओर से जिलाधिकारी के अलावा मांगों को राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यपाल, मुख्यमंत्री, मानव संसाधन विकास मंत्री व शिक्षामंत्री तक पह ंचाया है। आंदोलन में विवेक, अशरफ अली, दिनेश कुमार, राजीव, सुनीता, लक्ष्मी, गीतांजलि, श्वेता, सुमेश्वर, शंखलाल, आदर्श, अनिल कुमार, रुद्रेश, दिलशाद, अजय कुमार आदि शामिल रहे।