महराजगंज : कान्वेंट को मात दे रहा पूर्व माध्यमिक विद्यालय जड़ार, प्रधानाध्यापक प्रमोद पटेल ने कहा कि यदि लगन और कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो कोई कार्य मुश्किल नहीं
महराजगंज: सत्य, निष्ठा, ईमानदारी और बेहतर सोच हो तो किसी भी स्थान पर कार्य कर समाज के सामने आईना प्रस्तुत किया जा सकता है। कम से कम पूर्व माध्यमिक विद्यालय जड़ार को देखकर तो यही लगता है। एक तरफ जहां सरकारी शिक्षा व्यवस्था पर हर रोज सवाल खड़े हो रहे हैं, वही पनियरा विकास खण्ड का पूर्व माध्यमिक विद्यालय जड़ार लोगों के सामने एक नजीर पेश कर रहा है। यहां के कुशल अध्यापक और अध्यापिकाओं ने अपनी कड़ी मेहनत, सत्य निष्ठा एवं ईमानदारी से बेहतर शैक्षणिक माहौल का सृजन किया है। जिसकी बदौलत बच्चे कुशाग्र बुद्धि के बन रहे हैं। स्थित यह है कि यहां के सभी बच्चे सम्पूर्ण गणवेश में विद्यालय आते हैं। प्रधानाध़्यापक प्रमोद पटेल ने अपने पैसे से सभी छात्र छात्राओं का आइकार्ड बनवाया है। बच्चे भी कान्वेन्ट जैसा अंग्रेजी बोल लेते हैं। यहां के छात्र छात्राओं को सहायक अध्यापक अशोक यादव कम्प्यूटर व वाद्य यंत्र का प्रशिक्षण देते हैं, तो वही अनुदेशक प्रांजल मणि ¨सलाई कढ़ाई में दक्ष बनाती हैं। इसके अलावा रंगोली, संगीत, गायन, निबंध लेखन, स्काउट आदि की शिक्षा निश्चत तौर पर किसी भी प्राइवेट स्कूल से बेहतर दी जा रही है।
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भिटौली, महराजगंज: पूर्व माध्यमिक विद्यालय जड़ार में शिक्षा ग्रहण करने वाले रंजू, सुनीता, सुलेखा व अभिलेख ने बताया कि कंप्यूटर पूरी तन्मयता से सीख रहे हैं। परिषदीय विद्यालयों में कंप्यूटर शिक्षा कहा मिलती है, यह तो यहां के गुरुजनों के निष्ठा का प्रतिफल है कि हम लोगों को कंप्यूटर व अंग्रेजी की बेहतर शिक्षा मिल जा रही है। नन्हीं उम्र में की बोर्ड पर अंगुलिया घुमाने के माहिर हो चुके बच्चों ने कहा कि यहां शिक्षा ग्रहण करने के बाद हमें उच्च शिक्षा ग्रहण करने करने में असुविधा नहीं होगी।
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कुछ कर गुजरने का जज्बा को तो कोई कार्य मुश्किल नहीं:
महराजगंज: पूर्व माध्यमिक विद्यालय जड़ार के प्रधानाध्यापक प्रमोद पटेल ने कहा कि यदि लगन और कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो कोई कार्य मुश्किल नहीं है। व्यवस्था को कोसने से बेहतर है कि हम जो संशाधन मौजूद हैं उन्हीं का बेहतर प्रयोग करें। यदि बच्चों को उचित मार्गदर्शन मिले तो वे भी देश व समाज का नाम रोशन कर सकते हैं।