इलाहाबाद : पूर्व प्रधानों से एमडीएम में कनवर्जन कास्ट वसूली पर सशर्त रोक
वरिष्ठ संवाददाता, इलाहाबाद : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मिड डे मील योजना के तहत जालौन जिले में 2005-2010 के बीच ग्राम प्रधानों द्वारा कनवर्जन कास्ट न जमा करने पर उनके खिलाफ की जा रही वसूली की कार्यवाही पर 25 फीसदी जमा करने की शर्त पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने राज्य सरकार व अन्य से तीन हफ्ते में जवाब मांगा है। यह आदेश जस्टिस तरूण अग्रवाल और जस्टिस वी.के.मिश्रा की खण्डपीठ ने राम औतार दीक्षित सहित 24 पूर्व ग्राम प्रधानों की याचिका पर दिया है। योजना के तहत प्राइमरी स्कूल के बच्चों को ग्राम पंचायत द्वारा मिड डे मील दिया जाता है। इस कार्य में सस्ते गल्ले की दुकान से खाद्यान्न उठाया जाता है और भोजन पकाकर कर बच्चों में वितरित किया जाता है। याची का कहना था कि, उसने एक दुकानदार के खिलाफ शिकायत की। इसके बाद उसका लाइसेंस निलंबित किया गया। हालांकि बाद में बहाल कर दिया गया। खाद्यान्न देने में अनियमितता की शिकायत उपलोकायुक्त से भी की गयी। प्रधानों को ग्राम सेवासमिति अध्यक्ष होने के नाते मध्यान्ह भोजन की व्यवस्था करनी थी और कनवर्जन कास्ट जमा करना था। जालौन के 359 ग्राम प्रधानों के खिलाफ जिलाधिकारी ने 5 करोड़ 96 लाख 37 हजार 501 रूपये की वसूली कार्यवाही की। जिसे याचिका में चुनौती दी गयी है।