लखनऊ : केंद्र बजट देता रहा, यूपी सरकार नहीं तय कर पाई टीचर, 100 इंटर कॉलेजों में नहीं शुरू हो सकी व्यावसाियक शिक्षा, कागजों में बनती रहीं योजनाएं
लखनऊ। केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत एक बार फिर 100 इंटर कॉलेजों में व्यावसायिक शिक्षा के लिए बजट मंजूर किया है। ऐसा पहली बार नहीं हुआ है। केंद्र लगातार व्यावसायिक शिक्षा शुरू करने के निर्देश दे रही है, लेकिन यूपी सरकार अब तक इसकी शुरुआत नहीं कर पाई है। केंद्र में कांग्रेस सरकार के समय से लगातार प्रयास किए जा रहे हैं लेकिन यूपी सरकार यही तय नहीं कर पाई है कि इसके लिए पार्ट टाइम शिक्षक रखे जाएं या फुलटाइम।
इंटर कॉलेजों में व्यावसायिक शिक्षा का प्रावधान यूं तो सबसे पहले 1989 में किया गया था। तब टाइपिंग, काष्ठकला, पुस्तक कला, प्रिंटिंग सरीखे कई विषयों से इसकी शुरुआत हुई थी। उस समय मैनेजमेंट के जरिए 50 रुपये प्रति पीरियड के हिसाब से इसमें पार्ट टाइम शिक्षक रखे जाने का प्रावधान था। बाद में इसे बढ़ाकर 10 हजार रुपये प्रतिमाह कर दिया गया।
रखे जाने थे पार्ट टाइम टीचर, नहीं हो पाई शुरुआत
इसी बीच पिछली कांग्रेस सरकार के दौरान केंद्र ने आधुनिक विषयों में व्यावसायिक शिक्षा की शुरुआत का खाका तैयार किया। इसमें पहले चरण में 100 स्कूलों में व्यावसायिक शिक्षा की शुरुआत के निर्देश दिए गए। कुछ राज्यों ने इसकी शुरुआत कर भी दी लेकिन यूपी सरकार यही तय नहीं कर पाई कि इसके लिए नए शिक्षक रखे जाएं या पुरानों को ही प्रशिक्षण दिया जाए। शिक्षक संविदा पर रखे जाएं या नए फुलटाइम शिक्षकों की भर्ती हो। इसके लिए शिक्षा विभाग के अफसरों की टीमें कई राज्यों का दौरा भी करके आईं लेकिन अभी तक इस बारे में कुछ तय नहीं हो सका है। हर बार इसके लिए बजट भी मिलता है लेकिन सरकार पहला चरण ही शुरू नहीं कर पाई है।
कई बार खारिज हुए प्रस्ताव: पुराने करीब 2400 शिक्षकों को ही नियमित कर व्यावसायिक शिक्षा दिए जाने का भी प्रस्ताव भी कई बार विभाग ने बनाया। उसके बाद इसे यह कहकर हर बार खारिज कर दिया गया कि वे नए विषयों के लिए योग्यता नहीं रखते।
फुलटाइम टीचर के लिए डिग्री जरूरी है। पुराने शिक्षक न तो डिग्री धारक हैं और न नए विषयों की जानकारी है।
इन विषयों में दी जानी है व्यावसायिक शिक्षा: व्यावसायिक शिक्षा की शुरुआत चार नए विषयों में होनी है। ये विषय हैं ऑटोमोबाइल, होटल मैनेजमेंट एंड हॉस्पिटैलिटी, मोबाइल मेंटिनेंस और सिक्युरिटी।
शिक्षा मंत्रियों और मुख्यमंत्री तक ने व्यावसायिक शिक्षकों को नियमित करने का प्रस्ताव मांगा लेकिन अफसर पेच फंसाते रहते हैं। पुराने शिक्षकों में जो योग्यता रखते हैं, उन्हें तो नियमित किया ही जा सकता है।
-नारायण चतुर्वेदी, प्रांतीय महामंत्री व्यावसायिक शिक्षक संघ