800 परिषदीय स्कूलों में नहीं बिजली-पंखें
बुलंदशहर: बेसिक शिक्षा विभाग के 800 प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में न तो बिजली की सुविधा है और न ही पंखों की। लगभग इन विद्यालयों में पढ़ने वाले 50 हजार बच्चे गर्मी में बैठकर पढ़ने को मजबूर हैं। शिक्षा विभाग पर आंखों पर पट्टी बांधकर बैठा हुआ है।
शासन ने आदेश दिया था कि सभी प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में बिजली, पानी और पंखों की व्यवस्था होनी चाहिए। जिससे बच्चे हवा में बैठकर पढ़ सके, लेकिन जनपद के 2400 प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में से 800 प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालय ऐसे हैं, जहां आजादी के बाद से आज तक बिजली की व्यवस्था ही नहीं हुई है। बच्चे फर्स पर बैठकर गर्मी में पढ़ाई करते हैं जबकि शिक्षक हाथ के पंखे में किताबों के गत्ते से हवा करते दिखाई देते हैं। शासन ने आदेश में कहा था कि कोई विद्यालय बिना बिजली पंखे के नहीं होना चाहिए, लेकिन जनपद में दो-चार नहीं बल्कि 800 विद्यालय ऐसे हैं, जहां बिजली पंखा है ही नहीं। गर्मी के कारण बच्चों में विभिन्न तरीके के रोग फैलते हैं। विद्यालयों के तपते लेंटरों के नीचे बैठकर बच्चे शिक्षा ग्रहण करते हैं। यह 800 विद्यालयों का आंकड़ों तो बेसिक शिक्षा विभाग का ही है। इसके अलावा भी और विद्यालय ऐसे हो सकते हैं, जहां बिजली की व्यवस्था न हो। चुनाव के दौरान भी मतदान कर्मियों ने लैंप जलाकर रात्रि विश्राम किया था। इस बार भी यदि विद्यालयों में पंखे और बिजली की व्यवस्था नहीं हुई तो बच्चों की बीमारी बढ़ने की संभावना ज्यादा रहेगी। बेसिक शिक्षा अधिकारी वेदराम ने बताया कि सभी खंड शिक्षा अधिकारियों से ऐसे विद्यालयों की रिपोर्ट मांगी है, जहां बिजली और पंखे की व्यवस्था नहीं है। रिपोर्ट आने के बाद तत्काल रूप से शासन को भेजा जाएगा और बजट आते ही सभी स्कूलों में बिजली और पंखे की व्यवस्था की जाएगी।