प्रेरक पद के चयन में प्रधान ने की धांधली
कुरारा हमीरपुर संवाद सहयोगी : विकासखंड क्षेत्र के डामर गांव में ग्राम प्रधान व प्रधानाचार्या ने साठगांठ करके प्रेरक पद में प्रधान के परिजनों के फार्म भरवा दिये हैं। जब इसकी जानकारी हुई तो ग्रामीणों ने अपने भी फार्म भर कर स्कूल में जमा करना चाहा, लेकिन प्रधानाचार्या ने यह कहकर उन लोगों को वापस कर दिया कि समय समाप्त हो गया है। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि बिना किसी के जानकारी के चुपचाप प्रधान अपने परिजनों को इसका लाभ देना चाहता है। ग्रामीणों ने इसकी शिकायत विभाग के अधिकारियों से की है। ग्रामीणों की मांग है कि चयन प्रक्रिया को रद्द कर दोबारा फार्म भरवाये जाए।
क्षेत्र के डामर गांव में बने प्राथमिक विद्यालय से संबद्ध गांव के भूपेंद्र व पूजा का प्रेरक पद पर चयन हुआ था। किसी कारण से पूजा सिंह ने नियुक्ति नहीं हो सकी थी। पूजा की नियुक्ति न होने पर स्कूल में महिला प्रेरक का पद खाली पड़ा हुआ था। जिला लोक शिक्षा समिति ने शासनादेश जारी करते हुए दस दिन के अंदर गांव में खुली बैठक कर प्रेरक पद को भरने का आदेश दिया था। ग्राम पंचायत सदय वीर सिंह यादव ने बताया कि परिषदीय स्कूल की प्रधानाचार्या विमलेश कुमारी ने प्रधान कमलेश कुमारी से साठगांठ करके उसकी पुत्र बधु मोनी देवी पत्नी दिनेश तथा कौशिल्या पत्नी संजय का चुपचाप फार्म भरा कर जमा करा लिया था। प्रधान ने फर्जी तरीके से खुली बैठक दिखाकर ग्राम पंचायत सदस्यों के हस्ताक्षर भी कर लिए गए थे। जब इसकी जानकारी ग्रामीणों को हुई तो ग्रामीणों ने अपने आवेदन भी जमा करने के लिए स्कूल पहुंचे। स्कूल की प्रधानाचार्या ने उन लोगों को यह कहकर वापस कर दिया कि चयन प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। गांव की पूनम देवी, आरती, गरिमा सिंह, संगीता, किरन कुशवाहा आदि ने बताया कि गांव में रिक्त पद की कोई सूचना नहीं दी गई थी। आवेदन का प्रारूप विद्यालय में चस्पा कर दिया गया था। प्रधान ने गांव की खुली बैठक भी नहीं बुलाई थी। ग्राम पंचायत के एजेंडा में ग्राम प्रधान सहित प्रधानाध्यापिका व सदस्यों के हस्ताक्षर भी किये गए हैं। ग्राम पंचायत सदस्य वीर सिंह, विनोद, सुमन, जीतेंद्र, पुष्पा आदि ने बताया कि एजेंडा की जानकारी हमको नहीं दी गई है। फर्जी हस्ताक्षर बनाकर कोरम पूरा किया गया है। एएनएम लक्ष्मी देवी के भी हस्ताक्षर फर्जी बना दिये गए थे। ग्रामीणो ंने बताया कि प्रधानाध्यापिका विमलेश कुमारी के पति प्राथमिक विद्यालय कुतुबपुर में तैनात हैं। वह अपने स्कूल में न रुककर गांव में विद्यालय में बैठ कर अपना समय पूरा करते रहते हैं। प्रधानाचार्या के पति की भी इस पूरे खेल में पूरा सहयोग रहा है। शासनादेश के अनुसार प्रधान की पुत्रवधु या फिर परिवार के किसी भी सदस्य का चयन नहीं हो सकता है। शासनादेश को जेब में डाल कर प्रधान व प्रधानाचार्या ने अपनी मनमर्जी दिखाई है। गांव में अनुसूचित जाति के एक प्रेरक की तैनाती है। दूसरे प्रेरक में सामान्य या अन्य पिछड़ा वर्ग की महिला का चयन होना चाहिए था। ग्रामीणों ने इसकी शिकायत बेसिक शिक्षा अधिकारी इंद्रजीत प्रजापति से कर के भर्ती को रद्द कर के दोबारा आवेदन जमा कराने की मांग उठाई है। उक्त मामला में खंड शिक्षाधिकारी कपूर सिंह परिहार से जानकारी की गई तो उनका कहना है कि मामले की जांच की जा रही है।
''प्रेरक पद के लिए कोई नया आवेदन नहीं लिया जा रहा है, पुराने आवेदन में ही मेरिट के अनुसार नियुक्ति की जाएगी, प्रधानाचार्या ने प्रधान की बहू का नया आवेदन लेकर नियुक्ति कर रही हैं तो इसकी जानकारी करा कर कार्रवाई की जाएगी।'' इंद्रजीत प्रजापति बेसिक शिक्षा अधिकारी हमीरपुर।