अब पढ़ा जायेगा मास्साब के 'मन' का विज्ञान
फर्रुखाबाद, जागरण संवाददाता : बच्चों के मनोवैज्ञानिक विकास के लिये जिम्मेदार माने जाने वाले मास्टरजी के मनोविज्ञान का भी अब अध्ययन किया जायेगा। पारिवारिक समस्याएं हों या बीएसए ऑफिस की राजनीति का मकड़जाल, कई बार शिक्षक इनमें इतनी बुरी तरह घिर जाते हैं, कि उनका तनाव बच्चों के साथ उनके व्यवहार पर हावी हो जाता है। इससे बच्चों की शिक्षा प्रभावित होती है साथ ही छात्रों से व्यवहार भी ठीक नहीं रहता। शिक्षकों को इस मनौवैज्ञानिक स्थित से बाहर निकालने के लिये एससीईआरटी ने पहल की है। मंडलीय मनोविज्ञान केंद्र कानपुर ने शिक्षकों के व्यक्तित्व का अध्ययन करने के लिये विस्तृत'क्वेश्चनायर'तैयार किया है। यह सभी अध्यापकों से भरवाया जायेगा। इसके आधार पर मनोवैज्ञानिकों के सामने संबंधित शिक्षक की मनोवृत्ति आइने की तरह साफ नजर आयेगी। अध्ययन के विश्लेषण के आधार पर संबंधित शिक्षकों को तनाव से मुक्त कर उन्हें ऊर्जावान बनाने का उपाय किया जायेगा।
सरकारी स्कूलों में साल दर साल पढ़ाई में सुधार की उम्मीदें पाली जाती हैं, पर हालात और खराब हो जाते हैं। शिक्षा की इस बदहाली के लिये शिक्षकों की शिक्षण प्रतिबद्धता पर सवाल भी उठते हैं। राज्य शैक्षणिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद(एससीईआरटी) का मानना है कि पठन-पाठन का माहौल अच्छा बनाये जाने के लिये जरूरी है कि सभी शिक्षकों का मानसिक स्वास्थ्य बेहतर हो। कई शिक्षक तनाव में रहते हैं। तनावग्रस्त शिक्षक कभी भी अच्छी तरह से बच्चों को नहीं पढ़ा सकते। तनाव के कारणों को खोजने के लिये मंडलीय मनोविज्ञान केंद्र कानपुर परिषदीय शिक्षकों के व्यक्तित्व का अध्ययन करने के लिये 187 प्रश्नों की अलग-अलग दो प्रश्नावली भरवा रहा है। प्रश्नावली में शामिल प्रश्नों के उत्तर से शिक्षक की मन:स्थिति, चिड़चिड़ापन, घर की समस्या, विद्यालय के कार्यों का दबाव, इच्छा शक्ति सहित व्यक्तित्व के सभी पक्ष स्पष्ट हो सकेंगे। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी संदीप चौधरी ने बताया कि मनोविज्ञान केंद्र द्वारा भेजी गई 16पीएफ प्रश्नावली प्रपत्र को शिक्षकों से भरवाने की जिम्मेदारी खंड शिक्षा अधिकारियों को सौंप दी गई है। यह कोशिश परिषदीय शिक्षा में सकारात्मक बदलाव ला सकती है।
'फर्रुखाबाद सहित मंडल के अन्य जनपदों में सर्वेक्षण कराया जायेगा। हर शिक्षक का प्रोफाइल तैयार किया जायेगा। अध्ययन के निष्कर्ष आने पर शिक्षकों में तनाव दूर करने के लिये कार्यशाला लगायी जायेगी। जरूरत पड़ने पर मनोवैज्ञानिक संबंधित अध्यापक को व्यक्तिगत रूप से काउंस¨लग देंगे। मेडीटेशन व अन्य उपाय भी बताये जायेंगे। अध्ययन के निष्कर्ष निदेशक एससीईआरटी को भी भेजे जायेंगे।'
एलके ¨सह, मंडलीय मनोवैज्ञानिक कानपुर