पढ़-लिखकर भविष्य चमकाएंगे घुमंतू बच्चे
बदायूं : विद्यालय से दूर रहने वाले बालक-बालिकाओं को शिक्षित किया जा सकेगा। बच्चों के रहने वाले स्थान के आसपास ही एक अस्थाई विद्यालय बनाया जाएगा। विभाग की ओर से विद्यालय के लिए जमीन का चिह्नीकरण किया गया है। बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से शासन से बजट मांगा गया है। बजट पास होने के बाद प्रक्रिया शुरू होगी और बच्चों के परिजनों से संपर्क साधा जाएगा। विद्यालय न जा पाने वाले आउट आफ स्कूल बच्चों व विद्यालय से पढ़ाई छोड़ देने वाले ड्राप आउट बच्चों का सर्वे कर उनका नामांकन परिषदीय विद्यालयों में कराकर शिक्षित किया जाता है और उनका भविष्य संवारा जाता है। इसी तरीके से बाहरी प्रदेश या जिलों से आए गरीब परिवारों के बच्चों को उन्हीं के आसपास कक्षाएं संचालित की जाएंगी। विद्यालयों में नामांकन न होने की वजह मजबूरन यह बच्चे पढ़ाई नहीं कर पाते हैं। परिवार के साथ रहकर या कोई काम धंधा करके या फिर कूड़ा बीनकर परिवार की आर्थिक रूप से मदद करते हैं। ऐसे बच्चों को घुमंतू बच्चों की श्रेणी में रखा जाता है। ऐसे बच्चों का जल्द ही सर्वे शुरू किया जाएगा। पिछले वर्ष बड़े व छोटे सरकार, जवाहरपुरी व मलिन बस्तियों में सर्वे करके रिपोर्ट तैयार की गई थी, जिसमें बाहरी जिलों के 140 बच्चों को चिह्नित किया गया था। बड़े व छोटे सरकार में बहुत से बाहरी लोग मत्था टेकने आते हैं, इलाज कराते हैं और यहीं के होकर रह जाते हैं और उनके बच्चे न चाहते हुए भी शिक्षित नहीं हो पाते। सर्वे करने वाले लोगों ने यह समस्या बताई तो बड़े सरकार के पीर से बात की तो उन्होंने विद्यालय के लिए जमीन दिए जाने का आश्वासन दिया। वहीं चक्कर की सड़क के पास पड़ी नगर पालिका की जमीन भी विद्यालय के लिए मिल जाएगी। इस वर्ष भी शासन से इन बच्चों के लिए आवासीय विद्यालय संचालित किए जाने के लिए बजट की मांग हुई है, जो पास होने पर घुमंतू बच्चे भी पढ़कर बुलंदियां छुएंगे। नगर संसाधन केंद्र के नगर समन्वयक सरवर अली ने बताया कि बच्चों का फिर सर्वे किया जाएगा। माता-पिता को बच्चों को शिक्षित करने को जागरूक किया जाएगा। बजट की मांग हुई है, जो पास होने पर विद्यालयों का संचालन शुरू किया जाएगा। स्थान का चयन कर लिया गया है।