तो शिक्षामित्र ने की हार्डडिस्क से छेड़छाड़
सीतापुर : पिसावां बीआरसी पर कंप्यूटर की हार्डडिस्क के छेड़छाड़ के मामले में नया मोड़ आ गया है। हार्डडिस्क प्राथमिक विद्यालय खेरवा में तैनात शिक्षामित्र ने तो जान बूझकर खराब नहीं की है। वजह, खंड शिक्षा अधिकारी ने बीते साल इस शिक्षामित्र को बीआरसी से संबद्ध कर ऑनलाइन डाटा फी¨डग का कार्य सौंपा था। हैरानी की बात तो यह है कि बीआरसी पर पहले से ही संविदा कंप्यूटर ऑपरेटर तैनात था। ऐसे में चहेते शिक्षामित्र को बीआरसी से संबद्ध करना नियमत: गलत है। कम्प्यूटर को शिक्षामित्र संचालित कर रहा था अथवा शिक्षामित्र यह अहम सवाल अनुत्तरित है।
प्राथमिक विद्यालय खेरवा में तैनात शिक्षामित्र पंकज दीक्षित को खंड शिक्षा अधिकारी ने 22 सितंबर 2015 को बीआरसी से संबद्ध करने का पत्र जारी किया था। जिसमें कहा गया है कि डाटा फी¨डग ऑनलाइन व ऑफलाइन के लिए आदेशित किया गया था। चौंकाने वाली बात तो यह है कि बीते साल की सितंबर माह से शिक्षामित्र व कम्प्यूटर आपरेटर ने बीआरसी पर एक दिन भी कार्य करना तो दूर जाना तक गंवारा नहीं समझा। ऐसे में दोनों कर्मचारी कई माह तक कहां गायब रहे, इसका जवाब खंड शिक्षाधिकारी के पास तक नहीं है। सूत्र बताते हैं कि इस अवधि में कम्प्यूटर बीआरसी पर नहीं रहा और संबद्धीकरण का मामला सामने आने पर कम्प्यूटर तो वहां पहुंचा दिया गया, मगर उसकी हार्डडिस्क खराब कर दी गई। हार्डडिस्क में प्राथमिक, उच्च प्राथमिक विद्यालयों सहित बेसिक शिक्षा की योजना में खर्च किए रुपयों का व्यौरा भी फीड था। ऐसे में मामले के तूल पकड़ने पर मर्ज नहीं, मरीज खत्म करो की तर्ज पर हार्डडिस्क ही नष्ट कर दी गई। यह खेल कब और किसने खेला यह तो जांच के बाद सामने आ सकेगा, लेकिन कम्प्यूटर आपरेटर की तैनाती के बावजूद शिक्षामित्र के संबद्धीकरण की वजह क्या थी। तल्ख हकीकत तो यह है कि हार्डडिस्क की छेड़छाड़ के साथ ही एक घोटाला भी दफन हो गया है।
जिलाधिकारी अमृत त्रिपाठी के मुताबिक मामला संज्ञान में नहीं था मैं इस मामले की जांच के लिए सीडीओ से कहता हूं। मामले में जांच के बाद दोषी पाए जाने वाले के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी।