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लखनऊ : भूकंपरोधी स्‍कूल का कमरा गिरा, बाल-बाल बचे कई बच्‍चे

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लखनऊ : भूकंपरोधी स्‍कूल का कमरा गिरा, बाल-बाल बचे कई बच्‍चे

माल (लखनऊ) हिन्दुस्तान संवाद । मुसरिहन खेड़ा प्राथमिक विद्यालय में सोमवार को सुबह नौ बजे स्‍कूल का ताला खुलते ही अचानक एक कमरा भरभरा कर जमींदोज हो गया। गनीमत यह थी उस समय तक वहां मौजूद बच्‍चे अध्‍यापिका के समय से नहीं आने के कारण बाहर खड़े थे। यदि अपने समय से आठ बजे स्‍कूल खुल जाता तो कोई बड़ा हादसा हो जाता।

इस प्राथमिक विद्यालय को शिक्षा विभाग ने साल 2002-03 में बनवाया था। स्‍कूल खुलने का इंतजार कर रहे बच्‍चों के बीच अध्यापिका मधु वर्मा सुबह नौ बजे पहुंचीं। ताला खुलते ही अचानक भूकम्प रोधी इस स्‍कूल का एक कमरा गिर गया। कमरा गिरते ही बच्‍चे भाग खड़े हुए। इस स्‍कूल में 55 बच्‍चे पंजीकृत हैं। इसके बाद अध्यापिका स्‍कूल के गेट पर ताला डालकर चली गईं।

शिक्षा विभाग का कोई भी अधिकारी शाम तक स्‍कूल की स्थिति को देखने के लिए नहीं आया। वहीं खंड शिक्षा अधिकारी माल शिवप्रकाश विश्वकर्मा ने बताया कि स्‍कूल का भवन भूकम्प रोधी बनाया गया था। अध्यापिका मधु वर्मा ने उन्‍हें इस घटना की जानकारी दे दी थी, लेकिन मीटिंग में होने के कारण वह स्‍कूल तक नहीं पहुंच सके। उन्होंने कहा कि यह घटना सुबह सात बजे की है।


समय से खुलता विद्यालय तो हो सकता था बड़ा हादसा,55 बच्चे बाल-बाल बचे 

लखनऊ । 9 बजे जैसे ही विद्यालय का ताला खुला, ताला खुलते ही अचानक भूकम्प रोधी एक कमरा भरभराकर जमीदोज हो गया। अध्यापिका के समय से न आने से बच्चों की जान बच गयी। यदि 8 बजे विद्यालय खुल जाता तो बड़ा हादसा हो सकता था। विद्यालय में पंजीकृत 55 बच्चों की जान भी जा सकती थी।माल के मुसरिहन खेड़ा प्राथमिक विद्यालय में 2002-03 में बने कमरे के निर्माण की पोल खुल गयी। जैसे ही अध्यापिका मधू वर्मा 9 बजे विद्यालय पहंॅुचीं। बच्चे विद्यालय खुलने का इन्तजार कर रहे थे। विद्यालय का ताला खुलते ही अचानक एक कमरा जो भूकम्प रोधी बनाया गया था, गिरकर जमींदोज हो गया। कमरे के गिरते ही बच्चे भाग खड़े हुये। अध्यापिका भी विद्यालय के फोन पर जर्जर भवन लिखकर विद्यालय में ताला डालकर चली गयी। जबकि शिक्षा विभाग का कोई अधिकारी अभी तक देखने नहीं पहंॅुचा। इस विद्यालय में 55 बच्चे पंजीकृत हैं। इसी कमरे के अन्दर बच्चे बैठते थे। इस विद्यालय का निर्माण अध्यापक अहिबरन सिंह ने करवाया था। इससे साफ साबित होता है इस तरीके के कितने विद्यालयों में घटिया सामग्री लगाकर कमरे तैयार किये गये होंगे। वहीं खण्ड शिक्षा अधिकारी माल शिवप्रकाश विश्वकर्मा ने बताया कि यह बिल्डिंगें भूकम्प रोधी बनायी गयी थी। ट्रेन्ड मिस्त्री से काम कराना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। जितनी भी ऐसी बिल्डिंगें बनी हैं पहले से उन बिल्डिंगों में बैठने के लिए रोक लगा दी गयी है। अध्यापिका मधू वर्मा ने हमें सूचित किया था, लेकिन मीटिंग की वजह से हम नहीं पहुंच सके। 

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