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बलरामपुर : बदला सत्र पर बगैर किताब कैसे हो नौनिहालों की पढ़ाई, नए शैक्षिक सत्र में स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति बढ़ाने व बच्चों के नामांकन पर जोर देने का निर्देश शिक्षकों को दिया गया - बीएसए

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बलरामपुर : बदला सत्र पर बगैर किताब कैसे हो नौनिहालों की पढ़ाई, नए शैक्षिक सत्र में स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति बढ़ाने व बच्चों के नामांकन पर जोर देने का निर्देश शिक्षकों को दिया गया - बीएसए

बलरामपुर : शासन द्वारा परिषदीय स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए वर्ष 2014-15 में परिषदीय स्कूलों के शैक्षिक सत्र में परिवर्तन कर दिया गया था। नए नियम के अनुसार स्कूलों में नए सत्र की पढ़ाई जुलाई की जगह अप्रैल में ही शुरू कर दी गई। इस नियम ने स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था को पूरी तरह से बेपटरी कर दिया है। मार्च में बच्चों की वार्षिक परीक्षा समाप्त होने के बाद से ही बच्चों ने स्कूल आना बंद कर दिया है। स्थिति यह है कि जिन स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति 70-80 हुआ करती थी। वहां भी अप्रैल महीने में महज 15 से 20 बच्चे ही स्कूल आ रहे हैं।

यह हाल किसी एक विद्यालय का नहीं बल्कि जिले के अधिकांश स्कूलों का है। ऐसे में शिक्षक स्कूल में पढ़ाना तो दूर बच्चों की उपस्थिति बढ़ाने में ही लगे रहते हैं। इसके अलावा नए सत्र की शुरूआत में नई किताबें न होना भी बच्चों के स्कूल न आने के कारणों में से एक है। जो बच्चे स्कूल आते भी हैं वह किताबों के अभाव में पढ़ते-लिखते ही नहीं है। ऐसे में सत्र के पहले ही महीने में बच्चों की पढ़ाई चौपट होती दिख रही है।

- शनिवार को स्कूल में बच्चों की उपस्थिति

विद्यालय - नामांकित - उपस्थिति
प्राथमिक विद्यालय अचलापुर - 115 - 15
पूर्व माध्यमिक विद्यालय बलदेवनगर - 80 - 12
प्राथमिक विद्यालय टेढ़ी बाजार - 118 - 25
प्राथमिक विद्यालय बिजलीपुर - 110 - 20
प्राथमिक विद्यालय बलुहा - 102 - 33

-वार्षिक परीक्षा के बाद होनी चाहिए छुट्टी

शिक्षक आलोक मणि पांडेय, राजेश कुमार सोनी व गौतम राज बाजपेई आदि बताते हैं कि वार्षिक परीक्षा के बाद स्कूल में कुछ दिनों की छुट्टी किया जाना जरुरी होता है। इससे बच्चों के मनोभाव बदल जाते हैं, लेकिन हमारे यहां ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है। इसके चलते ही परीक्षा के बाद से विद्यालय में बच्चों की संख्या घट गई है। कहा कि जो इक्का-दुक्का बच्चे स्कूल आते भी हैं वह नई कक्षा की पाठय-पुस्तकें न होने के चलते पढ़ते ही नहीं हैं। जैसे उनको मौका मिलता है घर वापस भाग जाते हैं।

नए शैक्षिक सत्र में स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति बढ़ाने व बच्चों के नामांकन पर जोर देने का निर्देश शिक्षकों को दिया गया है। गर्मी व सहालग का मौसम होने के चलते स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति कुछ कम हो गई है, लेकिन मौसम ठीक होते ही बच्चे फिर स्कूल आने लगेंगे।
-अरुण कुमार जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी

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