मैनपुरी : 11 शिक्षकों के प्रमाण पत्र फर्जी, एक का इस्तीफा
मैनपुरी: बीते साल हुई शिक्षकों की बड़ी संख्या में भर्ती की जांच में पोल खुलने लगी है। सूबे में दो बार में हुई 29 हजार और 72 हजार शिक्षकों की भर्ती में जिले में 33 शिक्षकों के प्रमाण पत्र संदिग्ध पाए गए, जिनमें से 11 फर्जी साबित हुए। डीएम के निर्देश पर गठित कमेटी ने जांच शुरू की तो मामले पकड़ में आने लगे। इससे दहशत में आए एक शिक्षक ने नौकरी से इस्तीफा दे दिया।
पिछले एक साल से जिले में चल रही शिक्षक भर्ती में कई बार हुई काउंसि¨लग में 166 शिक्षक विज्ञान वर्ग और 167 गणित वर्ग में भर्ती हुए थे। इनकी नियुक्तियां तीन महीने पहले हो चुकी हैं। शिक्षकों के शैक्षिक प्रमाणपत्रों की जांच भी हो चुकी है। शिक्षक बनने के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा भी अनिवार्य होती है। इनमें से कई शिक्षकों ने शिक्षक पात्रता परीक्षा(टेट) परीक्षा उत्तीर्ण के फर्जी प्रमाणपत्र दाखिल कर नौकरी पा ली। बेसिक शिक्षा विभाग को जब इस बात की जानकारी हुई, तो प्रभारी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी भारती शाक्य ने जिलाधिकारी लोकेश एम को मामले की जानकारी दी। डीएम ने राजस्व अधिकारी और प्रभारी बीएसए के नेतृत्व में जांच टीम गठित कर दी। जांच शुरू हुई तो किशनी विकासखंड के प्राथमिक विद्यालय बसैत में तैनात शिक्षक राजकुमार ने अपना त्यागपत्र प्रभारी बीएसए के कार्यालय में भेज दिया है।
बताया गया है कि इनके शिक्षक पात्रता परीक्षा प्रमाणपत्र फर्जी हैं। इसके अलावा दस अन्य शिक्षक भी फर्जी शिक्षक पात्रता प्रमाणपत्र के सहारे नौकरी पा गए हैं। बताया गया है कि सोमवार को 11 शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
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शिक्षक भर्ती होने के बाद कुछ शिक्षकों के शिक्षक पात्रता परीक्षा टेट के प्रमाणपत्र फर्जी पाए गए हैं। जिलाधिकारी ने जांच टीम गठित की है। जांच चल रही है। एक शिक्षक ने इस्तीफा दे दिया है। उसके विरुद्ध भी कार्रवाई की तैयारी हो रही है।
-भारती शाक्य, प्रभारी बीएसए, मैनपुरी।
11 शिक्षकों के प्रमाण पत्र फर्जी, एक का इस्तीफा
टीईटी के लगाए थे फर्जी प्रमाण और अंक पत्र
डीएम के आदेश पर शुरू हुई जांच से खलबली
मैनपुरी: बीते साल हुई शिक्षकों की बड़ी संख्या में भर्ती की जांच में पोल खुलने लगी है। सूबे में दो बार में हुई 29 हजार और 72 हजार शिक्षकों की भर्ती में जिले में 33 शिक्षकों के प्रमाण पत्र संदिग्ध पाए गए, जिनमें से 11 फर्जी साबित हुए। डीएम के निर्देश पर गठित कमेटी ने जांच शुरू की तो मामले पकड़ में आने लगे। इससे दहशत में आए एक शिक्षक ने नौकरी से इस्तीफा दे दिया।
पिछले एक साल से जिले में चल रही शिक्षक भर्ती में कई बार हुई काउंसिलिंग में 166 शिक्षक विज्ञान वर्ग और 167 गणित वर्ग में भर्ती हुए थे। इनकी नियुक्तियां तीन महीने पहले हो चुकी हैं। शिक्षकों के शैक्षिक प्रमाणपत्रों की जांच भी हो चुकी है। शिक्षक बनने के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा भी अनिवार्य होती है। इनमें से कई शिक्षकों ने शिक्षक पात्रता परीक्षा(टेट) परीक्षा उत्तीर्ण के फर्जी प्रमाणपत्र दाखिल कर नौकरी पा ली।
बेसिक शिक्षा विभाग को जब इस बात की जानकारी हुई, तो प्रभारी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी भारती शाक्य ने जिलाधिकारी लोकेश एम को मामले की जानकारी दी। डीएम ने राजस्व अधिकारी और प्रभारी बीएसए के नेतृत्व में जांच टीम गठित कर दी। जांच शुरू हुई तो किशनी विकासखंड के प्राथमिक विद्यालय बसैत में तैनात शिक्षक राजकुमार ने अपना त्यागपत्र प्रभारी बीएसए के कार्यालय में भेज दिया है। बताया गया है कि इनके शिक्षक पात्रता परीक्षा प्रमाणपत्र फर्जी हैं।
इसके अलावा दस अन्य शिक्षक भी फर्जी शिक्षक पात्रता प्रमाणपत्र के सहारे नौकरी पा गए हैं। बताया गया है कि सोमवार को 11 शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।शिक्षक भर्ती होने के बाद कुछ शिक्षकों के शिक्षक पात्रता परीक्षा टेट के प्रमाणपत्र फर्जी पाए गए हैं। जिलाधिकारी ने जांच टीम गठित की है। जांच चल रही है। एक शिक्षक ने इस्तीफा दे दिया है। उसके विरुद्ध भी कार्रवाई की तैयारी हो रही है।
भारती शाक्य, प्रभारी बीएसए, मैनपुरी।
📌 मैनपुरी : 11 शिक्षकों के प्रमाण पत्र फर्जी, एक का इस्तीफा
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