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वाराणसी  : उत्तर भारत के सबसे बड़े किचेन को 2 एकड़ आवंटित, परिषदीय विद्यालय के बच्चों को शुद्ध व गुणवत्तायुक्त भोजन जल्द

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वाराणसी  : उत्तर भारत के सबसे बड़े किचेन को 2 एकड़ आवंटित, परिषदीय विद्यालय के बच्चों को शुद्ध व गुणवत्तायुक्त भोजन जल्द

🌑 2,10,000 बच्चे पंजीकृत जनपद में 1367 परिषदीय विद्यालयों में करीब 190,000 विद्यार्थी पंजीकृत हैं। इसमें 1013 प्राइमरी व 354 उच्च प्राथमिक विद्यालय हैं। इसके अलावा छह कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय, तीन आश्रम पद्धति के विद्यालय व 75 अनुदानित विद्यालयों के विद्यार्थियों को भी दोपहर का भोजन मुफ्त उपलब्ध कराया जा रहा है। इस प्रकार जनपद में कुल 210,000 बच्चों को मध्याह्न् भोजन मिल रहा है। वर्तमान में विद्यालय प्रबंध समिति के माध्यम से मध्याह्न् भोजन के वितरण की व्यवस्था चल रही है।

वाराणसी : परिषदीय विद्यालयों के बच्चों को मध्याह्न् भोजन जल्द ही गुणवत्तायुक्त व शुद्ध मिलेगा। ‘मिड डे मील’ के लिए अक्षय पात्र फाउंडेशन से काफी पहले समझौता हो चुका है। केंद्रीयकृत किचेन बनाने के लिए फाउंडेशन को अर्दली बाजार स्थित एलटी कालेज में दो एकड़ भूमि भी आवंटित की जा चुकी है। खास बात यह है कि प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में ‘मिड डे मील’ के लिए उत्तर भारत की सबसे बड़ा किचेन बनने का प्रस्ताव है। आधुनिक मशीनों के माध्यम से इस केंद्रीयकृत किचेन में एक साथ करीब चार लाख बच्चों लिए खाना भोजन बनाने की सुविधा होगी।

पचास करोड़ की लागत से बनेगा किचेन :अक्षय पात्र फाउंडेशन ने करीब 50 करोड़ की लागत से केंद्रीयकृत किचेन बनाने निर्णय लिया है। इस क्रम में चावल व दाल बनाने के लिए नीदरलैंड्स से बेहद आधुनिक मशीन मंगाई जाएगी। एक मशीन की कीमत करीब पांच करोड़ रुपये है। वहीं चावल व दाल बनाने के लिए तीन-तीन मशीनें लगाई जाएंगी। इसी प्रकार रोटी बनाने की मशीन की कीमत करीब पचास लाख बताई जा रही है। यह मशीन एक घंटे में करीब एक लाख रोटी बनाएगी।

1150 इंसूलेटर वैन : अर्दली बाजार से जनपद के 1372 स्कूलों में बना बनाया दोपहर का खाना इंसूलेटर वैन के माध्यम से भेजा जाएगा। फाउंडेशन इसके लिए करीब 150 वैन मंगाने का निर्णय किया है। एक वैन की कीमत लगभग 40 लाख रुपये बताई जा रही है।


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