3581 गेस्ट टीचर्स की नौकरी से छुट्टी, 12 हजार की दांव पर : 12 हजार टीचर्स के मामले में रिपोर्ट तलब की
हरियाणा के स्कूलों में कार्यरत 3581 गेस्ट टीचर्स की नौकरी छूट गई है। वहीं, 12 हजार की नौकरी दांव पर लग गई है। पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने इनकी ओर से उन्हें सरप्लस बताए जाने को गलत करार देते हुए नौकरी में बनाए रखने की मांग खारिज कर दी है। हाईकोर्ट ने इस मामले में जो आदेश दिया है, उसके हिसाब से नवंबर तक प्रदेश के 12 हजार अन्य गेस्ट टीचर्स भी नौकरी से बाहर होंगे।
हाईकोर्ट ने नियमित भर्ती करने का निर्देश दिया है, भर्ती के बाद यह गेस्ट टीचर्स नौकरी में नहीं रह पाएंगे।सरकार ने एक मामले में हाईकोर्ट में रिपोर्ट दी थी कि करीब 4200 गेस्ट टीचर्स को सरप्लस बताया था। इनमें से केवल 3581 ही नौकरी में थे।
हाईकोर्ट ने सरप्लस गेस्ट टीचर्स को हटाने का निर्देश दिया था, लेकिन एकल बेंच के फैसले के खिलाफ सरप्लस गेस्ट टीचर्स ने याचिका दायर की थी और डिवीजन बेंच ने 31 मार्च 2016 तक इन सरप्लस गेस्ट टीचर्स को स्टॉप गैप अरेंजमेंट के आधार पर रखने की अनुमति दी थी। इनकी सेवाएं उस वक्त समाप्त हो चुकी थीं, लेकिन उनकी ओर से दायर याचिका अभी विचाराधीन थी।
12 हजार टीचर्स के मामले में रिपोर्ट तलब की
याचिका में दलील थी कि सरकार एक ओर कह रही है कि प्रदेश में शिक्षकों की कमी है तो ऐसे में उन्हें सरप्लस कैसे माना जा रहा है। हाईकोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने के बाद इन गेस्ट टीचर्स की याचिकाएं खारिज कर दी हैं। इसी मामले में हाईकोर्ट ने सरकार से 11 नवंबर तक नियमित भर्ती करके अन्य 12 हजार गेस्ट टीचर्स को बाहर करने की अनुपालन रिपोर्ट तलब की है।
मामले में बड़ी बात यह निकली है कि सरकार ने इस मामले में स्वयं कह डाला कि 2015-16 शिक्षा सत्र में प्रदेश में 18 लाख दाखिले हुए, जबकि वर्ष 2014-15 में दाखिलों की संख्या 22 लाख थी। बेंच को बताया गया कि आधार से लिंक करते वक्त यह गड़बड़ी सामने आई, यानि चार लाख दाखिले फर्जी निकले। इसी पर पूछा है कि यह गैप क्यों पड़ा और फर्जी दाखिले किसने किए, इसके पीछे जिम्मेवारी अफसरों को ढूंढ कर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए।