शिक्षकों ने दिया धरना, नारे लगाए
जिलाधिकारी को ज्ञापन देते प्रथमिक शिक्षक संघ के पदाधिकारी
छुट्टियों में स्कूल खोलकर मिड-डे-मील बनवाने के शासनादेश पर शिक्षकों का रोष थमने का नाम नहीं ले रहा। उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के बैनर तले लामबंद शिक्षकों ने गुरुवार को कलेक्ट्रेट में धरना दिया। मांगों के समर्थन में नारे लगाए। जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपकर शासन से एमडीएम बनाने का फैसला वापस लेने की मांग की। कहा कि सरकार शीघ्र यह आदेश वापस ले, शिक्षक किसी भी हाल में छुट्टियों में एमडीएम नहीं बनवाएंगे।
कलेक्ट्रेट परिसर में धरने को संबोधित करते हुए शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष राधेरमण त्रिपाठी ने कहा कि ग्रीष्मावकाश में मिड-डे-मील का संचालन करना शिक्षकों के अधिकारों का हनन है। बेसिक शिक्षा सचिव की ओर से जारी पत्र में कहीं भी शिक्षकों के सहयोग की बात नहीं कही गई है।
एमडीएम बनवाने का दायित्व ग्राम प्रधान और विद्यालय प्रबंधन समितियों का है। इसमें बेवजह शिक्षकों को घसीटा जा रहा है। बेसिक शिक्षा परिषद के गठन के समय से ही ग्रीष्मावकाश की छुट्टी घोषित है। शैक्षणिक कैलेंडर जारी करते समय भी इनका उल्लेख था।
अब अचानक से स्कूल खोलकर मिड-डे-मील बनवाने का फरमान निंदनीय है। शिक्षक इसे किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं करेंगे। कहा कि शासनादेश जारी होने से पहले भी शिक्षक संघ ने उच्चाधिकारियों के समक्ष अपनी बात स्पष्ट कर दी थी।
बावजूद मनमाने ढंग से आदेश जारी कर शिक्षकों पर भार थोपा जा रहा है। शिक्षक किसी भी हाल में एमडीएम नहीं बनवाएंगे। अगर विभाग इसके बदले किसी शिक्षक का उत्पीड़न करता है तो शिक्षक संघ इसका मुंहतोड़ जवाब देगा।
धरने के बाद शिक्षक संघ के प्रतिनिधिमंडल ने जिलाधिकारी नरेंद्र शंकर पांडेय को मांगों से संबंधित ज्ञापन सौंपा। धरने में अनिल तिवारी, उदयभान मिश्रा, अभय श्रीवास्तव, जिला उपाध्यक्ष रुपेश सिंह, लालजी यादव, शैलेंद्र मिश्रा, अरुण सिंह, शिवाकांत दुबे, दिनेश सिंह, सुरेंद्र, अखिलेश पाल, हरिशंकर सिंह, शिवपाल सिंह, सुभाष जायसवाल, सुधाकर मिश्रा, रामशंकर पांडेय आदि शामिल रहे।