समय से कार्यालय नहीं आते बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारी व कर्मचारी
बलरामपुर : परिषदीय स्कूलों में शिक्षकों को नियमित स्कूल आने का पाठ पढ़ाने वाले विभागीय अधिकारी स्वयं
बलरामपुर : परिषदीय स्कूलों में शिक्षकों को नियमित स्कूल आने का पाठ पढ़ाने वाले विभागीय अधिकारी स्वयं ही नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं। दस बजे खुलने वाले कार्यालय में साढ़े दस बजे तक अधिकारी व कर्मचारी कोई नहीं आता है। कार्यालय आने वाले लोगों को विभागीय कर्मचारियों के आने का इंतजार करना पड़ता है। कुछ ऐसी ही स्थित शुक्रवार को जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में दिखी। प्रस्तुत है कार्यालय की आंखों देखी रिपोर्ट -
प्रात: सवा दस बजे कार्यालय में पहुंचने पर विभाग के मुखिया की कुर्सी खाली मिली। साथ ही कई पटल का कार्य देख रहे वरिष्ठ लिपिक अनूप श्रीवास्तव भी अबतक आफिस नहीं आए थे। कई शिक्षक व उनके परिजन अपना पदोन्नति का नियुक्ति पत्र लेने अथवा उसे संशोधित कराने आदि के लिए उनके आने का इंतजार कर रहे थे। एमडीएम का पटल देख रहे जिला समंवयक फिरोज का कमरा भी अबतक नहीं खुला था। वरिष्ठ लिपिक अनिल कुमार पांडेय, भोलानाथ व रामबहादुर अपनी सीट पर बैठे हुए थे। कार्यालय का कंप्यूटर कक्ष खुला हुआ मिला। इसमें जिला समंवयक निरंकार पांडेय, निर्माण प्रभारी एनके सिंह व संविदाकर्मी संजय श्रीवास्तव, राकेश तिवारी व आशुतोष मिश्र बैठे दिखे। जबकि वित्त एवं लेखाधिकारी का कमरा खाली था। कार्यालय के प्रथम तल स्थित समेकित शिक्षा की जिला समंवयक इस समय तक आफिस नहीं आई थी। जबकि वित्त एवं लेखा विभाग में तैनात लिपिक मनोज सिंह कार्यालय में बैठे लिखा-पढ़ी करते दिखे। उन्होंने बताया कि वित्त एवं लेखाधिकारी आनंद कुमार छुट्टी पर हैं। वरिष्ठ लिपिक रक्षाराम व अर्जुन सिंह भी अपने कमरे में उपस्थित मिले। हालांकि प्रथम तल के बरामदे में बिखरे अभिलेखों को विधिवत अलमारी में व्यवस्थित कर रख दिया गया था। चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी प्रमोद कुमार अवस्थी फाइलों को व्यवस्थित कर रहे थे।
-बीएसए से नहीं हो सका संपर्क
कार्यालय से कर्मचारियों के समय से न आने के बाद बीएसए अरुण कुमार से दूरभाष पर संपर्क का प्रयास किया गया, लेकिन बात नहीं हो सकी।
-सभी अधिकारी व कर्मचारियों को समय से कार्यालय पहुंचने और जरूरतमंदों की समस्याओं का निराकरण करने का निर्देश दिया गया है। बीएसए कार्यालय का मैं स्वयं निरीक्षण कर गायब रहने वालों पर कार्रवाई करूंगी।
-प्रीति शुक्ला