चित्रकूट, जागरण संवाददाता : जिलाधिकारी ने परिषदीय विद्यालय के शिक्षकों को नैतिकता व कर्तव्य का पाठ पढ़ाया। कहा कि शिक्षा की गुणवत्ता में कमी आई है इसलिए कड़ी मेहनत करनी होगी। बच्चों के घर-घर जाकर विश्वास पैदा करना होगा।
राष्ट्रीय रामायण मेला परिसर में हुई चित्रकूट ब्लाक व नगर क्षेत्र की शिक्षा उन्नयन गोष्ठी में डीएम मोनिका रानी ने कहा कि वे आइएएस बनने के पूर्व लगभग चार-पांच साल सरकारी स्कूल में शिक्षक रही हैं। इसलिए उन्हें शिक्षा के क्षेत्र में काफी अनुभव है। उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूल में पढ़ाने वाले शिक्षकों में प्रतिभा की कमी नहीं है। उनकी क्षमता को निजी शिक्षकों से ज्यादा बताते हुए कहा कि सरकारी शिक्षक कई परीक्षा पास कर इस ओहदा में पहुंचते हैं। समाज में शिक्षक का बहुत बड़ा योगदान है शिक्षक समाज में गुरू के रुप में सम्मान पाते हैं। आप भाग्य को बदलने वालों में से हैं। डीएम ने शिक्षकों को कर्तव्यबोध कराते हुए कहा कि कड़ी मेहनत से बच्चों को पढ़ाएं ताकि उनका भविष्य अच्छा बने। जैसे अपने बच्चों को मानते हैं उसी प्रकार स्कूल के बच्चों को भी मानें। आपका बच्चा तो धोखा दे सकता है लेकिन आपका पढ़ाया हुआ बच्चा कभी धोखा नहीं देगा, अपितु सम्मान देगा।
जिलाधिकारी ने शिक्षकों का हौसला भी बढ़ाया। कहा कि न्याय पंचायत स्तर पर नियुक्त नोडल अधिकारी शैक्षिक गतिविधियों पर नजर रखे हैं। अंग्रेजी, विज्ञान, गणित, सामाजिक विज्ञान और कला के क्षेत्र में मेहनत करने वाले शिक्षकों को चिंहित कर जल्द ही सम्मानित किया जाएगा। शिक्षिकाओं से कहा कि महिलाएं अपने घर को साफ-स्वच्छ रखती हैं लेकिन स्कूल बहुत गंदा रहता है, स्कूल को भी घर मानकर साफ-स्वच्छ रखें। सीडीओ ए दिनेश कुमार ने कहा कि अधिकांश शिक्षक अच्छा कार्य कर रहे हैं, कुछ जो लापरवाही कर रहे हैं वे अपने अंदर सुधार लाएं। जिला बेसिक शिक्षाधिकारी आनंद प्रकाश शर्मा ने कहा कि शिक्षा में परिवर्तन की जरूरत है क्योंकि प्रारंभिक शिक्षा ही बच्चों की नींव होती है। जो समय बीत गया है उसमें सुधार नहीं हो सकता है अब हमें भविष्य सुधारना होगा। इसलिए स्कूल में देर से जाना और जल्दी भाग आना छोड़ना पड़ेगा। बीएसए ने मंच से ही विद्यालय समय परिवर्तन की घोषणा की। बताया कि अब विद्यालय सुबह 7 से 11 बजे तक खुलेंगे।
जिला शिक्षा प्रशिक्षण संस्थान की प्राचार्य बीना गुप्ता, खंड शिक्षा अधिकारी दीप्ति रिछारिया व सीएम सिंह सहित शिक्षक बैजनाथ प्रजापति, मूरतध्वज पाण्डेय, अनिल द्विवेदी, रोशन सिंह, अरुण श्रीवास्तव व अवध बिहारी सिंह ने भी अपने विचार रखे। संचालन जानकीशरण त्रिपाठी ने किया।