गुरुजी बिना किताबों के दे रहे छात्रों को ज्ञान
रायबरेली : परिषदीय स्कूलों में तैनात गुरुजी बिना किताबों को छात्रों को ज्ञान देते दिख रहे है। ये कहा जाए कि यह जादू बेसिक शिक्षा विभाग के शिक्षकों के पास है तो कतई गलत नहीं होगा, क्योंकि छात्रों को बीते वर्ष की पुरानी किताबें जो उपलब्ध करायी गई है उनमें से अधिकांश किताबों के अध्याय फटे हुए है। जिसके कारण शिक्षकों को बिना किताबों के शिक्षण कार्य कराना पड़ रहा है। नए शैक्षिक सत्र की शुरूआत हुए डेढ़ माह बीत गया है, लेकिन अभी तक नई किताबों के वितरण को लेकर कोई भी दिशा-निर्देश नहीं दिए गए है। जिससे सरकार मशीनरी में शैक्षिक सत्र में तो बदलाव कर दिया पर परिषदीय स्कूलों में व्याप्त कुरीतियों को मिटाने में कोई भी सुधार नहीं कर सका है।
परिषदीय स्कूलों में छात्रों की संख्या बढ़ाने को स्कूल चलो अभियान पूरे अप्रैल माह तक चलाया गया। इस अभियान से सभी ग्राम पंचायतों में कुछ न कुछ छात्रों की संख्या स्कूलों में अवश्य बढ़ी होगी, लेकिन नए शैक्षिक सत्र की शुरूआत को डेढ़ माह बीतने के बाद भी नई किताबों छात्रों को नसीब नहीं हो सकी है। दूसरी ओर जिन पुरानी किताबों से छात्रों की पढ़ाई परिषदीय स्कूलों के गुरुजी करा रहे है उनके अध्याय फटे होने के कारण शिक्षण कार्य बाधित हो रहा है और जो नए छात्र आए है उन्हें अब तक किताबें नहीं मिल सकी है। जिससे गुरुजी को बिना किताबों को स्कूलों में शिक्षण कार्य कराते हुए नजर आ रहे है। 20 मई के बाद से परिषदीय स्कूलों में ग्रीष्म कालीन अवकाश घोषित कर दिया जाएगा। गर्मियों की छुट्टी होने से जिन छात्रों के पास किताबें नहीं है उनका कोर्स अधर में लटक जाएगा। ऐसे म ं कुछ मेहनती शिक्षकों का कहना है कि अगर शासन द्वारा नई शिक्षा नीति जारी की गई है तो उसके क्रम में छात्रों का शिक्षण के लिए सहूलियत भी दी जाए। योजनाओं को लेकर फर्जी ढिढोरा पीटना ठीक नहीं।
साहब बोले..
'परिषदीय स्कूलों में पाठ्य-पुस्तक बांटने को लेकर कोई भी आदेश जारी नहीं किया गया है। पाठ्य-पुस्तकों के जिले में आते ही सबसे पहले उन्हें बंटवाने का कार्य किया जाएगा। ऐसे में शिक्षक पंजीकृत छात्रों की पढ़ाई पुरानी किताबों से करवाएं।' -रामसागर पति त्रिपाठी, बेसिक शिक्षाधिकारी, रायबरेली।