बीएसए ने तीन और शिक्षकों को किया बर्खास्त
लखीमपुर : बेसिक शिक्षा विभाग में एक महिला समेत तीन शिक्षकों को शिक्षण कार्य में लापरवाही बरतने और बगैर सूचना के लंबे समय से गैर हाजिर रहने के आरोप में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी डॉ. ओपी राय ने सेवा से बर्खास्त कर दिया है। इसकी सूचना बेसिक शिक्षा के निदेशक बेसिक शिक्षा परिषद उप्र इलाहाबाद के सचिव मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक वित्त एवं लेखाधिकारी और जिलाधिकारी आकाशदीप को भेज दी है।
विकास खंड बिजुआ के उच्च प्राथमिक विद्यालय बझेड़ा के सहायक अध्यापक दिनेश चंद्र वर्मा को बिना किसी सूचना व अवकाश स्वीकृति के लंबे समय से अनुपस्थित रहने के कारण बीएसए ने तत्काल प्रभाव से उनकी सेवा समाप्त कर दी है। बीएसए ने अपने आदेश में लिखा है कि सहायक अध्यापक दिनेश चंद्र वर्मा के लगातार अनुपस्थित रहने और विभागीय आदेशों निर्देशों की अवहेलना के पूर्णतया दोषी पाए गए हैं। विकास खंड बेहजम के उच्च प्राथमिक विद्यालय ढखिया खुर्द के प्रधानाध्यापक हरीशचंद्र वर्मा की भी बीएसए ने तत्काल प्रभाव से सेवा समाप्त कर दी है। आरोप है कि विभागीय कार्य के प्रति गैर जिम्मेदार एवं विभागीय निर्देशों व आदेशों की निरंतर अवहेलना करते रहे हैं। इनके सेवा में रहने से छात्र हित प्रभावित हो रहा है। वर्ष 2012 व 013 में स्वीकृत प्राथमिक विद्यालय सुजौलापुर का निर्माण भी हरीशचंद्र वर्मा द्वारा कराया गया। इसमें विद्यालय का शौचालय, चहारदीवारी किचन शेड, एप्रेन एवं गेट आदि नहीं बनवाए गए। विद्यालय भी मानक के अनुरूप नहीं बनवाए गए। इनके पास कई विद्यालयों का प्रभार था बार-बार खंड शिक्षा अधिकारी के पत्र लिखने के बावजूद उनके द्वारा विद्यालयों के कोई अभिलेख नहीं दिए गए। इसके कारण विद्यालयों का आडिट नहीं हो पाया। बीएसए ने 14 नवंबर 2014 को हरीशचंद्र वर्मा को निलंबित कर दिया था और मामले की जांच खंड शिक्षा अधिकारी बिजुआ अनुराग मित्र को सौंपी थी। खंड शिक्षा अधिकारी की जांच रिपोर्ट और आख्या पर उन्हें सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है।
विकास क्षेत्र पसगवां के प्राथमिक विद्यालय फरिया पिपरिया की सहायक अध्यापक रविता को भी बीएसए ने बर्खास्त कर दिया है। रविता बिना किसी सूचना व अवकाश के विद्यालय से अनुपस्थित चल रही थी। रविता से 26 नवंबर 2015 को ही कार्यभार ग्रहण किया था। कार्यभार ग्रहण करने के कुछ दिन बाद से ही वह गैर हाजिर चल रही हैं। बीएसए ने माना शिक्षिका अपने पद पर कार्य करने को इच्छुक नहीं है इसलिए उन्हें सेवा से बर्खास्त किया जाता है।