ग्रीष्मावकाश में शिक्षकों को मिड-डे मील से मुक्त रखने की मांग को लेकर राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ ने मुख्यमंत्री को सौंपा ज्ञापन
अम्बेडकरनगर। स्थानीय जिले के साथ प्रदेश के 50 सूखाग्रस्त जनपदों में शासन की ओर से ग्रीष्मावकाश में भी मिड डे मील बनवाने का आदेश पर सवालिया निशान लग रहा है। अहम परिषदीय विद्यालयों में ही एमडीएम बनवाने के आदेश से केवल वहां नामांकित बच्चों को ही एमडीएम मिलने को अमानवीय बताया जा रहा है। इससे शासन की ओर परिषदीय विद्यालयों में नामांकित बच्चों के अलावा अन्य बच्चों के साथ भेदभाव करना बताया जा रहा है। अन्य कई विन्दु पर ग्रीष्मावकाश में एमडीएम के औचित्य पर सवाल उठ रहे हैं।
राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा। महासंघ के प्रदेश महामंत्री दिनेश नारायण सिंह ने मुख्यमंत्री को भेजे ज्ञापन में कुछ बालकों को मध्यान्ह भोजन देना शेष बालकों के साथ भेदभाव प्रकट करना और मानवीय दृष्टिकोण से अनुचित बताया गया है। ज्ञापन में ग्रीष्मावकाश में एमडीएम निर्माण और वितरण ग्राम प्रधान एवं विद्यालय प्रबंध समिति से बनवाने, ग्राम शिक्षा समिति एवं विद्यालय प्रबंध समिति के सदस्यों का सहयोग लेने की मांग की है। कहा कि आगामी छह जून से रमजान शुरू हो रहा है। बड़ी तादात में रोजा रखने वाले शिक्षकों की सुविधा का ध्यान देने और अधिकांश अभिभावकों की ओर से अपने पाल्यों को गर्मी की छुट्टी में टूर पर ले जाने के पारिवारिक दायित्व में रोड़ा बनने वाला आदेश करार देते हुए पुनर्विचार की मांग की है।