राजकीय विद्यालयों में शिक्षकों के पद भरें: हाईकोर्ट
इलाहाबाद : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने माध्यमिक शिक्षा निदेशक को राजकीय इंटर कॉलेजों में अध्यापकों के रिक्त पदों को संविदा या पार्टटाइम व अंशकालिक तौर पर भरने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने निदेशक को इसके लिए चार माह का समय दिया है।
कोर्ट ने कहा कि भर्ती प्रक्रिया में समय लगेगा, इसलिए माध्यमिक शिक्षा निदेशक रिक्त पदों को भरें, ताकि सभी विद्यालयों को जरूरत के मुताबिक अध्यापक मिल सकें और पढ़ाई बाधित न हो। कोर्ट ने माध्यमिक शिक्षा निदेशक से कहा कि वह स्वयं इस बात का पता लगाएं कि कितने अध्यापक कार्यरत हैं, कितने पद रिक्त हैं और कितने अध्यापकों की जरूरत है।
मैनपुरी की रिट पर आदेश
कार्यवाहक मुख्य न्यायमूर्ति वीके शुक्ल एवं न्यायमूर्ति यूसी श्रीवास्तव ने यह आदेश मैनपुरी जिले में अध्यापकों के रिक्त पद भरने के लिए अन्य जिलों से तबादला करने और सूबे के राजकीय इंटर कॉलेजों में अध्यापकों की कमी को देखते हुए दिया। मामले के तथ्यों के अनुसार गत छह जनवरी को एक सभा में मुख्यमंत्री ने मैनपुरी जिले में अध्यापकों के रिक्त पद भरने का आश्वासन दिया, जिसके बाद मुख्यमंत्री कार्यालय से मैनपुरी जिले में अध्यापकों के रिक्त पद भरने को कहा गया तो आसपास के जिलों के अध्यापकों का मैनपुरी में तबादला कर दिया गया। मथुरा स्थित वीडीपी इंटर कॉलेज के अध्यापक दलवीर सिंह ने इसे याचिका के माध्यम से चुनौती दी।
स्पेशल अपील पर भर्ती का आदेश
एकल पीठ ने स्थानांतरण पर रोक नहीं लगाई तो यह स्पेशल अपील दाखिल हुई। कोर्ट ने रिक्त पदों को भरने के संबंध में जानकारी मांगी तो राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि 473 रिक्त पदों को भरने के लिए लोक सेवा आयोग को अधियाचन भेजा जाएगा क्योंकि ये पद आयोग से भरे जाते हैं। इसपर कोर्ट ने कहा कि चयन में देरी होगी इसलिए निदेशक संविदा या पार्टटाइम के तौर पर अध्यापकों के पद भरने की कार्रवाई करें।