खुशी होती है परिषदीय स्कूल में जाकर
गाजीपुर : मुझे खुशी होती है किसी परिषदीय विद्यालय में जाकर। क्योंकि मेरे पिता जी शिक्षक थे और मैं
गाजीपुर : मुझे खुशी होती है किसी परिषदीय विद्यालय में जाकर। क्योंकि मेरे पिता जी शिक्षक थे और मैंने परिषदीय स्कूल में ही पढ़ाई की है। उस समय परिषदीय विद्यालयों की स्थिति काफी अच्छी थी, लेकिन अब काफी खराब हो गई है। इसके लिए शिक्षकों के साथ हम सभी जिम्मेदार हैं। अगर कोई यह कहे कि हम अपने बच्चे का एडमिशन परिषदीय स्कूल में कराना चाहते हैं तो मुझे बहुत खुशी होती है। यह कहना मुख्य विकास अधिकारी अर¨वद कुमार पांडेय का है। वह सोमवार को विशेश्वरगंज स्थित प्राथमिक विद्यालय में आयोजित समर कैंप को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे।
सीडीओ ने कहा कि पहले शिक्षक खुद अपने बच्चों को अपने साथ स्कूल लेकर आते थे और सभी बच्चों के साथ पढ़ाते थे। इससे पढ़ाई का माहौल बना रहता था। उस समय अगर किसी शिक्षक का विद्यार्थी उनके बेटे से अधिक नंबर लाता था तो उन्हें खुशी होती थी कि मेरा पढ़ाया हुआ विद्यार्थी अधिक नंबर लाया है, लेकिन अब इसका उल्टा हो गया है। परिषदीय स्कूल के शिक्षक अपने बच्चों को पहले किसी निजी विद्यालय में छोड़ने जाते हैं और फिर अपने स्कूल जाते हैं। आगे कहा कि अच्छा गुरु बनिए, तभी देश और समाज का कल्याण हो सकता है। बीएसए चंद्रकेश ¨सह यादव ने कहा कि गाजीपुर प्रदेश में पहला जिला है जहां समर कैंप शुरू किया गया है। अगले साल से यह हर ब्लाक में शुरू कराया जाएगा। बीएसए ने बताया कि इस समर कैंप में शामिल होने के लिए बच्चों से कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा।
बच्चों ने प्रस्तुत किया गीत
समर कैंप का उद्घाटन सीडीओ ने फीता काटकर किया। इसके बाद वहां मौजूद कस्तूरबा गांधी और परिषदीय स्कूल के बच्चों ने सरस्वती वंदना और स्वागत गीत प्रस्तुत किया। इसके बाद कुछ और सांस्कृतिक कार्यक्रम बच्चों ने किया। मंगलवार से बच्चों को रंगोली, कला, मेंहदी और साथ नृत्य, गायन, योगासन व खेलकूद के बारे में प्रशिक्षित किया जाएगा। इसके लिए जिले भर से योग्य शिक्षकों को चयनित कर प्रशिक्षक के रूप में लगाया गया है।