मांगे न मानीं तो मिड-डे-मील का बहिष्कार
सुलतानपुर : ग्रीष्मावकाश में स्कूलों में मध्याह्न भोजन योजना का संचालन शिक्षकों के गले की फांस बन गय
सुलतानपुर : ग्रीष्मावकाश में स्कूलों में मध्याह्न भोजन योजना का संचालन शिक्षकों के गले की फांस बन गया है। बच्चे ढूंढे नहीं मिल रहे हैं और शिक्षकों के लिए इसका संचालन अनिवार्य कर दिया गया है। मंगलवार को प्राथमिक शिक्षक संघ व जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ ने जिलाधिकारी को ज्ञापन देकर शिक्षकों को योजना से पृथक करने की मांग की। साथ ही चेतावनी दी कि यदि ऐसा नहीं किया गया तो वे योजना का बहिष्कार करने के लिए मजबूर हो जाएंगे।
प्राथमिक शिक्षक संघ जिलाध्यक्ष दिलीप पांडेय, मंत्री डॉ.एचबी ¨सह, प्रवक्ता निजाम खान, प्रशांत पांडेय आदि के नेतृत्व में संगठन के प्रतिनिधिमंडल ने डीएम एस.राज ¨लगम से मुलाकात की। उन्हें बताया कि सूखाग्रस्त जिलों में मिड डे मील के संचालन के लिए जो शासनादेश जारी किया गया है, उसमें कहीं भी शिक्षकों का उत्तरदायित्व निर्धारित नहीं किया गया है। ग्राम प्रधान व ग्राम शिक्षा समितियां ही इसके लिए नामित हैं। 21 मई से 30 जून तक बेसिक स्कूलों में ग्रीष्मावकाश है। बच्चे छुट्टियां मनाने रिश्तेदारी, ननिहाल आदि चले गए हैं। जिसके चलते मिड डे मील का संचालन टेढी खीर हो गया है। बावजूद इसके अधिकारियों द्वारा नियम विरुद्ध तरीके से शिक्षकों पर योजना के संचालन का दबाव बनाया जा रहा है। वहीं जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष देवेंद्र त्रिपाठी व हरिपाल वर्मा आदि ने आपात बैठक बुलाई। 25 मई को डीएम के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित करने का निर्णय लिया गया। तय किया गया कि शिक्षकों को मिड डे मील योजना संचालन से मुक्त रखने के लिए हर संभव प्रयत्न किया जाएगा।
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