ऋषिदेव गंगवार, बदायूं : शिक्षा ग्रहण करने के लिए विद्यालय जाने को गंभीर रुप से दिव्यांग किसी दूसरे पर आश्रित नहीं होंगे, अपने साधन से विद्यालय पहुंचेंगे। अपने लिए किसी स्काट, रिक्शा या अन्य साधन का चयन वह खुद करेंगे। जिसके लिए सर्व शिक्षा अभियान की ओर से संचालित समेकित शिक्षा की ओर से उन्हें आर्थिक मदद दी जा रही है। योजना का लाभ पाने के लिए गंभीर दिव्यांग की विद्यालय में कम से कम 70 प्रतिशत उपस्थिति होनी अनिवार्य है।
दिव्यांगों को शिक्षित करने को सरकार सजग है। तरह-तरह के इंतजाम किए जा रहे हैं। दिव्यांग बच्चों को विद्यालय भेजने को प्रेरित करने को विशेष शिक्षक शहर से लेकर गांवों में उनके घर जाते हैं, लेकिन परिजन बच्चों की असमर्थता की बात कहते हुए विद्यालय न पहुंच पाने की बात कहते थे। जिसकी रिपोर्ट परियोजना को भी भेजी गई थी और विद्यालय भेजने की व्यवस्था करने को 100 गंभीर रुप से दिव्यांग बच्चों को धनराशि मुहैया कराने का प्रस्ताव भेजा गया था। जिसमें 85 बच्चों का प्रस्ताव पास हुआ है। इस धनराशि का प्रयोग करके अभिभावक किसी को हायर करके या रिक्शा बांधकर अपने बच्चों को विद्यालय भेज सकेंगे और यह बच्चे अपना भविष्य उज्जवल बना सकेंगे। समेकित शिक्षा के जिला समन्वयक जितेंद्र ¨सह ने बताया कि विद्यालय न पहुंच पाने की वजह से बहुत से दिव्यांग पढ़ाई से वंचित रह जाते हैं। अब ऐसा नहीं होगा। विद्यालय पहुंचने के लिए पहली बार बच्चों को आर्थिक मदद दी जा रही है।
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लाभार्थी बच्चों पर नजर रखेंगे विशेष शिक्षक
विद्यालय में 70 प्रतिशत से ज्यादा उपस्थिति वाले गंभीर दिव्यांगों को योजना का लाभ दिया जा रहा है। जिसकी देखरेख भी की जाएगी। बच्चों के विद्यालय न आने पर विकास क्षेत्र के विशेष शिक्षक अभिभावकों से संपर्क करेंगे और विद्यालय न आने का कारण जानेंगे और बच्चों को विद्यालय बुलाएंगे।
बैंक में खाते खुलवाकर जमा की जा रही धनराशि
योजनांतर्गत विभाग को 85 बच्चों के लिए दो लाख 12 हजार 5 सौ रुपये का बजट प्राप्त हुआ है। जो बच्चों के खातों में जमा कराया जा रहा है। चयनित हर बच्चे के खाते में दस महीने की धनराशि यानि ढाई हजार रुपये प्रति बच्चे के हिसाब से धनराशि भेजी जा रही है। 6 बैंकों के माध्यम से कुछ के खातों में धनराशि भेज दी गई है तो कुछ की प्रक्रिया संचालित है।