लखनऊ : बीएड दाखिलों में खूब खाई मानदेय की ‘मलाई’
लखनऊ : एलयू में बीते वर्ष कराई गई बीएड प्रवेश परीक्षा और दाखिले की प्रक्रिया में मानदेय के नाम पर लाखों रुपये दबाए गए। प्रवेश समन्वयक और उनकी टीम के शिक्षकों समेत करीब 100 कर्मचारियों को शासन से तय की गई राशि से दो से ढाई गुना तक ज्यादा मानदेय दिया गया। नियमों को बिना जांचे परखे ही जिम्मेदारों ने इसका भुगतान कर दिया। अब सवाल उठे हैं, तो किसी को कोई जवाब नहीं सूझ रहा है।
लखनऊ यूनिवर्सिटी ने बीते साल संयुक्त प्रवेश परीक्षा बीएड कराई थी। अफसरों ने परीक्षा की सफलता के नाम पर खूब वाहवाही बटोरी। अब साल भर बाद जब उन्हीं के हाथों में फिर से परीक्षा का जिम्मा है तो परत-दर-परत गड़बड़ियां पकड़ में आ रही हैं। स्थानीय निधि लेखा परीक्षा की ऑडिट में बड़े पैमाने पर गलतियां पकभुगतान
रही हैं।
यह था मानदेय
यूनिवर्सिटी में बीएड की प्रवेश प्रक्रिया के लिए शासन ने मानदेय निर्धारित किया था। इसमें कुलपति व प्रतिकुलपति को 1.20 लाख रुपये का मानदेय तय था। प्रवेश समन्वयक को 90 हजार और सहायक समन्वयक को 80 हजार, उपसमन्वयक को 75 हजार और बाकी को 50 से 75 हजार रुपये तक का मानदेय दिया जाना था। इतके इतर हर अधिकारी को दो से ढाई गुना तक मानदेय दिया गया।
भुगतान को दोबारा चेक करवाया जाएगा। गड़बड़ी हुई तो कार्रवाई करेंगे।
- सुरेश चंद्र उपाध्याय, वित्त अधिकारी
सभी अभ्यर्थियों के रुपये वापस करने का निर्णय लिया है।
बीएड एडमिशन के स्टेट को-ऑर्डिनेट पर प्रो. वाइके शर्मा ने बताया कि ऐसे सभी अभ्यर्थियों को बीएड स्टेट को-ऑर्डिनेटर के नाम एप्लिकेशन लिखनी होगी। इसमें उन्हें ड्राफ्ट की फोटो कॉपी भी साथ लगानी होगी। अभ्यर्थी यह एप्लिकेशन 30 मई तक भेज सकते हैं। जो भी अभ्यर्थी 30 मई तक आवेदन कर देंगे उनकी फीस वापस कर दी जाएगी। इसमें उन अभ्यर्थियों का आवेदन स्वीकार नहीं किया जाएगा जिन्होंने चॉइस लॉक कर दी थी। रुपये सिर्फ उन्हीं को वापस किये जाएंगे जिन्होंने चॉइस लॉक नहीं की थी।
काउंसलिंग में हिस्सा न लेने वाले कैंडिडेट 30 मई तक कर सकते हैं आवेदन
एलयू सभी कैंडिडेट के पैसे करेगा वापस
प्रवेश समन्वयक प्रो. वाईके शर्मा को 2.03 लाख रुपये दिए गए। यह 1.13 लाख ज्यादा था। राज्य सहसमन्वयक का काम देख रहे प्रो. एसपी त्रिवेदी को 1.97 लाख रुपये दिए गए। यह 1.17 लाख ज्यादा था। यही काम देख रहे प्रो.पवन अग्रवाल ने 1.93 लाख लिए, यह 1.13 लाख ज्यादा था। उपसमन्वयक रहे प्रो. एसके अग्रवाल को 1.68 लाख मिले, यह 93.2 हजार ज्यादा था। राज्य सहायक समन्वयक रही प्रो.अर्चना अग्रवाल को 1.38 लाख मिले, यह 68 हजार रुपये ज्यादा था। कोर टीम के मेंबर रहे प्रो. अखिलेश चौबे को 97.50 हजार मिले यह 47.50 हजार रुपये ज्यादा था।
भुगतान सक्षम अधिकारियों की स्वीकृति के बाद ही दिया गया है। किसी प्रकार की वित्तीय गड़बड़ी नहीं की गई है।
- प्रो. वाईके शर्मा, राज्य समन्वयक बीएड-2015
एलयू के अफसरों ने लिया दो से तीन गुना तक ज्यादा भुगतान
एनबीटी में 3 मई 2016 को प्रकाशित खबर
लखनऊ : लखनऊ यूनिवर्सिटी 2015 की बीएड काउंसलिंग के अभ्यर्थियों के पैसे वापस करने जा रहे हैं। ये वह अभ्यर्थी हैं जिन्होंने काउंसलिंग के समय पांच हजार रुपये ड्रॉफ्ट जमा किया था लेकिन चॉइस लॉक नहीं की थी। ऐसे सभी अभ्यर्थियों के ड्राफ्ट के पांच हजार रुपये अब वापस किये जाएंगे। मालूम हो कि पिछली काउंसलिंग के 7563 कैंडिडेट के रुपये एलयू ने अब तक वापस नहीं किये थे। इस खबर को एनबीटी ने 3 मई के अंक में प्रमुखता से प्रकाशित किया था।