डायट में संबद्ध आठ शिक्षकों का बीइओ ने रोका वेतन
रायबरेली : जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) में वर्षों से संबद्ध चल रहे आठ शिक्षकों को खंड शिक्षाधिकारियों ने रोक दिया है। इससे डायट में संबद्ध शिक्षकों के बीच खलबली मच गई है। संबद्ध शिक्षकों का वेतन बहाल कराने के लिए डायट प्राचार्या द्वारा पैरवी शुरू की गई है। इसके कारण खंड शिक्षाधिकारियों को कार्रवाई करने में बाधा रही है।
जिले में करीब 27 सौ प्राथमिक और पूर्व माध्यमिक विद्यालयों का संचालन हो रहा है। इनमे छात्र संख्या के अनुसार शिक्षक नाकाफी है। इसे देखते हुए संबद्धीकरण के तहत दूसरे स्थानों पर काम कर रहे शिक्षकों को मूल विद्यालय लौटने के आदेश हो गए हैं। परिषदीय स्कूलों में संबद्ध शिक्षक तो अपने मूल स्कूल लौटने लगे है लेकिन डायट में संबद्ध शिक्षक पर आदेश लागू नहीं हो रहा है। इसके तहत राही, सतांव, जगतपुर और अमावां के शिक्षाधिकारियों ने डायट में संबद्ध अपने क्षेत्र के स्कूल के आठ शिक्षकों का वेतन रोक दिया गया है। क्योंकि डायट में संबद्ध होने के बाद वह ब्लाक से ही वेतन ले रहे थे। डायट में संबद्ध शिक्षकों का वेतन रोकने की सूचना एडी बेसिक लखनऊ मंडल को भेजी चुकी है। इससे संबद्ध शिक्षकों के बीच हड़कंप मचा है।
शुरू हो गई है पैरवी
सूत्र बताते है कि डायट में संबद्ध शिक्षकों को बचाने का जाल बुना जाने लगा है। और ऊपर तक पैरवी होने लगी है। बताया जा रहा है कि इन संबद्ध शिक्षकों का वेतन न रोकने के लिए डायट प्राचार्या रेखा दिवाकर ने पैरवी करनी शुरू कर दी गई है। उनका कहना है कि इन शिक्षकों को तत्कालीन जिलाधिकारी और शिक्षाधिकारियों की समिति न डायट भेजा है। इस आधार पर इनपर कार्रवाई न हो।
डायट में संबद्ध इनका वेतन रोका वेतन
मुदिता बाजपेई - पूर्व माध्यमिक विद्यालय रोझइया भीषमशाह, जगतपुर।
चंद्रना गोस्वामी - पूर्व माध्यमिक विद्यालय गढ़ी खास, अमावां।
आशुतोष तिवारी - पूर्व माध्यमिक विद्यालय बरउवा, सतांव।
अभिवेक श्रीवास्तव - पूर्व माध्यमिक सरायंमुगला, राही।
आरएन ¨सह - पूर्व माध्यमिक विद्यालय खोरहटी, राही।
अभिषेक द्विवेदी - पूर्व माध्यमिक विद्यालय पूरे इच्छी, राही।
सूर्य प्रकाश - पूर्व माध्यमिक विद्यालय हरियावां, अमावां।
राजेंद्र वर्मा - पूर्व माध्यमिक विद्यालय सीखी सलेमपुर, राही।
इनकी सुनें
'संबद्धता समाप्त करने की फाइल उच्चाधिकारियों तक प्रेषित करने की तैयारी चल रही है। डायट में प्रवक्ताओं की कमी को दूर किया जाएगा। इसके लिए प्रयास जारी और बीइओ से वेतन रोकने की सूचना मांगी जाएगी।'
-महेंद्र ¨सह राणा, एडी बेसिक, लखनऊ मंडल।