लखनऊ : डीएम ने शहर के जर्जर प्राथमिक स्कूलों का मांगा था ब्योरा, नहीं बनी जर्जर स्कूलों की लिस्ट
लखनऊ: माल के मुसिहरनखेड़ा प्राथमिक विद्यालय में भूकंप रोधी कमरा ढहने के हादसे के बाद भी बेसिक शिक्षा विभाग सोया हुआ है। जिलाधिकारी ने बीएसए को स्कूल में दुर्घटना की जांच सहित जिले में मौजूद सभी जर्जर भवन वाले प्राथमिक विद्यालयों की लिस्ट 5 मई तक भेजने का आदेश दिया था। समय सीमा खत्म हुए तीन दिन गुजर चुके हैं लेकिन इस लिस्ट का पता नहीं है।
माल के मुसहिरन खेड़ा गांव स्थित प्राथमिक विद्यालय में 25 अप्रैल को अचानक एक कमरा ढह गया। उस वक्त विद्यालय में मौजूद शिक्षिका की सूझबूझ के चलते कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ था। इस घटना के बाद जिला प्रशासन ने बेसिक शिक्षा अधिकारी को विद्यालय में ढहे कमरे की जांच कर दूसरे ही दिन रिपोर्ट देने का आदेश दिया था।
हालांकि इस मामले की जांच अभी तक पूरी नहीं हुई है। इसी के साथ जिलाधिकारीराजशेखर ने बीएसए को जिले में मौजूद सभी प्राथमिक, उच्च प्राथमिक
विद्यालयों की सूची उपलब्ध कराने का आदेश दिया था, जिनके भवन गिरने की कगार पर हैं। इसके लिए बीएसए को 5 मई तक का समय दियागया था, लेकिन अभी तक बीएसए ने डीएम को रिपोर्ट नहीं सौंपी है। बीएसए प्रवीण मणि त्रिपाठी का कहना है कि अभी स्कूलों के जर्जर भवनों की फोटो नहीं हो सकी है। उसमें थोड़ा वक्त लग रहा है।
जांच रिपोर्ट में लगेगा वक्त
माल में गिरे प्राथमिक स्कूल के भवन की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमिटी बनाई गई थी। इसमें बीएसए प्रवीणमणि त्रिपाठी, एसडीएम मलिहाबाद नीता यादव और तकनीकी जांच के लिए अधिशासी अभियंता ग्रामीण अभियंत्रण सेवा को शामिल किया गया था। टीम ने मौके का दौरा कर डीएम को रिपोर्ट तो 26 अप्रैल को ही भेज दी थी, लेकिन मलबे की जांच रिपोर्ट अब तक नहीं आई है। बीएसए के मुताबिक जांच में करीब एक महीने का वक्त और लगेगा। उसी के बाद दुर्घटना की असल वजह पता चलेगी।
माल के स्कूल की जांच रिपोर्ट डीएम को सौंप दी है। मलबे की जांच पीडब्ल्यूडी को करनी है, जिसमें एक महीना लगेगा। बाकी जर्जर स्कूलों की जांच भी करीब पूरी है।
- प्रवीणमणि त्रिपाठी, बीएसए