फर्जीवाड़ा छिपाने के लिए दे दी 'फर्जी मौत'
जागरण संवाददाता, आगरा: बेसिक शिक्षा विभाग में मृतक आश्रित कोटे में जमकर फर्जीवाड़ा हुआ है। पहले एक फर
जागरण संवाददाता, आगरा: बेसिक शिक्षा विभाग में मृतक आश्रित कोटे में जमकर फर्जीवाड़ा हुआ है। पहले एक फर्जी कर्मचारी को मरा हुआ दिखाया फर्जी आश्रित को अनुकंपा नियुक्ति दे दी। मामले की शिकायत हुई तो कॉकस ने अनुकंपा पर नौकरी करने वाले को मृत दर्शा दिया। विभाग के रिकॉर्ड में मृत दर्शाए गए व्यक्ति ने इस मामले में बीएसए से शिकायत की है।
मामला एत्मादपुर ब्लॉक का है। वर्ष 2013 में नाहर सिंह निवासी केदार नगर बीएसए कार्यालय में तैनात बिल बाबू भगवान दास व जगवीर के संपर्क में आया। नाहर सिंह के मुताबिक उससे चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी की नौकरी लगवाने की बात कही। इसके एवज में उससे दो लाख रुपये लिए गए। आरोपियों ने नाहर सिंह से बकायदा पूरी भर्ती प्रक्रिया कराई। इसके बाद दोनों कर्मचारियों ने नाहर सिंह को बीएसए कार्यालय के एक और बाबू ओमकार सिंह से मिलवाया। ओमकार सिंह ने तत्कालीन बीएसए देवेंद्र सिंह यादव के नाम से फर्जी नियुक्ति पत्र जारी कर दिया। नाहर सिंह को पूर्व माध्यमिक विद्यालय टेहू एत्मादपुर में नियुक्ति भी दिला दी गई। नाहर सिंह ने नौकरी करनी शुरू कर दी। इसी बीच किसी ने विभागीय फर्जीवाडे़ की शिकायत कर दी। मामला खुलने पर फर्जीवाड़ा करने वालों ने एक और खेल खेला। विद्यालय जाकर नाहर सिंह से जुडे़ दस्तावेज गुम कर दिए और उसे रिकॉर्ड में मृत दर्शा दिया।
10 महीने निकाला वेतन
मृतक आश्रित भर्ती कराने में बीएसए कार्यालय का कॉकस है। इस कॉकस ने नियुक्ति के बाद लेखा विभाग में सेटिंग कर चुपचाप इसका वेतन भी जारी करवा दिया। 10 महीने तक विभाग से वेतन भी जारी हुआ।
जिंदा होने की बात कही
नाहर सिंह जब कुछ दिन बाद विद्यालय गया तो उससे नियुक्ति रद होने की बात कही गई। इस पर उसने आरोपियों से अपने दो लाख रुपये मांगे तो वो टालमटोल करने लगे। इस पर नाहर सिंह ने ही पूरे फर्जीवाडे़ की शिकायत डीएम और बीएसए से कर दी।
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पुराना बाबू है मास्टरमाइंड
इस फर्जीवाडे़ में बीएसए कार्यालय का एक पुराना बाबू मास्टरमाइंड बताया जा रहा है। ऐसे ही एक मामले में डीएम ने जांच कराकर उसके खिलाफ एफआइआर के आदेश दिए थे, लेकिन अभी तक उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई।
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इस मामले की आरोपी बाबू से स्पष्टीकरण मांगा गया है। जल्द ही कार्रवाई की जाएगी।
धर्मेद्र सक्सेना, बीएसए