यूपी: 15000 शिक्षकों की भर्ती पर हाईकोर्ट का बड़ा फैसला
बेसिक शिक्षा विभाग के प्राइमरी स्कूलों में 15,000 सहायक अध्यापकों की भर्ती हाईकोर्ट के फैसले के अधीन होगी।
लखनऊ खंडपीठ ने बुधवार को एक विशेष अपील पर दिए आदेश में कहा कि अभी चयन और तैनाती प्रक्रिया को रोकना मुनासिब नहीं होगा। लेकिन 18 दिसंबर, 2015 के शासनादेश के तहत या अन्य तरीके से किया गया चयन और तैनाती अपील के फैसले के अधीन होगा।
न्यायमूर्ति अमरेश्वर प्रताप सिंह और न्यायमूर्ति शमशेर बहादुर सिंह की खंडपीठ ने यह आदेश आलोक कुमार यादव की विशेष अपील पर दिया।
इसमें चयन प्रक्रिया के सिलसिले में एकल न्यायाधीश के फैसले को चुनौती दी गई है। एकल पीठ ने अपीलकर्ता समेत अन्य की याचिकाएं खारिज कर दी थीं।
अपीलकर्ता के अधिवक्ता शरद पाठक के मुताबिक करीब 15,000 सहायक अध्यापकों की भर्ती के लिए काउंसलिंग अक्तूबर, 2015 तक पूरी हो गई थी और इन्हें नियुक्ति पत्र दिए जाने वाले थे। इन सभी अभ्यर्थियों ने 5 मार्च, 2015 तक आवेदन किया था। इसके बाद 18 दिसंबर, 2015 को बेसिक शिक्षा विभाग ने एक शासनादेश जारी कर 15 जनवरी, 2016 तक आवेदन करने वालों को चयन प्रक्रिया में शामिल किए जाने का प्रावधान कर दिया।
इसके खिलाफ अपीलकर्ता व अन्य कुछ चयनित अभ्यर्थियों ने एकल पीठ के समक्ष याचिकाएं दायर कर शासनादेश को चुनौती दी।
एकल पीठ ने उनकी याचिकाएं खारिज कर दीं।
इसके खिलाफ यह विशेष अपील दायर की गई, जिसमें उस शासनादेश को रद्द किए जाने समेत सिर्फ 5 मार्च, 2015 के आवेदकों को चयन प्रक्रिया में शामिल किए जाने की गुजारिश की गई है।
उधर, राज्य सरकार की तरफ से अपील का विरोध किया गया। अदालत ने अपील को इसी मामले से संबंधित एक अन्य विशेष अपील के साथ एक महीने बाद सुनवाई के लिए पेश करने के निर्देश दिए हैं।