🔵 लखनऊ : गर्मी की छुट्टियों में मिड-डे-मील योजना हुई फ्लॉप, खाना बनाया सात हजार का, खाने पहुंचे 345 बच्चे
लखनऊ। गर्मी की छुट्टियों में सरकारी स्कूलों के बच्चों को मिड-डे-मील देने की योजना राजधानी में फ्लॉप हो गई है। इसकी दो वजह हैं। एक तो शिक्षकों ने पहले ही इसके वितरण का बहिष्कार कर दिया था। दूसरी जो विद्यालय खुले भी वहां मिड-डे-मील खाने वाले बहुत कम बच्चे पहुंच रहे। बीएसए कार्यालय की रिपोर्ट के मुताबिक 24 मई से 30 मई के बीच सिर्फ दो दिन ही मिड-डे-मील बांटा गया।
इस स्थिति में अक्षय पात्र और अन्य एनजीओ ने मिड-डे-मील बांटने से यह कहकर हाथ खड़े कर दिए कि वह जितना खाना बना रहे हैं, उतने बच्चे नहीं आ रहे, जिससे नुकसान हो रहा है।
माध्यान्ह भोजन योजना के तहत राजधानी के 2029 परिषदीय, राजकीय, सहायता प्राप्त स्कूलों एवं मदरसा आदि में कक्षा एक से आठ तक के करीब सवा दो लाख बच्चों को मिड-डे-मील दिया जाता है। इस बार राज्य सरकार ने 50 सूखाग्रस्त जिलों के स्कूलों में बच्चों को मिड-डे-मील वितरण का निर्णय लिया था।
इस संबंध में शासन ने 21 मई से 30 जून तक इसका वितरण का आदेश जारी किया था। सुचारू रूप से इसके वितरण की प्रक्रिया 24 मई से शुरू हुई। राजधानी में नगर के परिषदीय विद्यालयों के साथ-साथ चार ब्लॉकों में मिड-डे-मील की जिम्मेदारी अक्षय पात्र को दी गई है। जबकि सहायता प्राप्त विद्यालयों आदि में एनजीओ इसका वितरण करते हैं।
🔴 खाने पहुंचे 345 बच्चे
लखनऊ : राजधानी के मिड-डे-मील कार्यालय के मुताबिक 25 मई को अक्षय पात्र ने सात हजार बच्चों के लिए खाना बनवाया, लेकिन उपस्थिति मिले सिर्फ 345। उसकेबाद 26 मई को तीन हजार बच्चों केसापेक्ष सिर्फ 145 बच्चे ही खाना खाने आए। इस पर अक्षय पात्र ने यह कहकर वितरण बंद कर दिया कि खाने का नुकसान हो रहा है। वहीं एनजीओ ने भी मिड-डे-मील का वितरण बंद कर दिया। फिलहाल इसकी रिपोर्ट तैयार कर अधिकारियों को भेजी जा रही है।
📌 लखनऊ : गर्मी की छुट्टियों में मिड-डे-मील योजना हुई फ्लॉप, खाना बनाया सात हजार का, खाने पहुंचे 345 बच्चे
जवाब देंहटाएं👉 http://www.primarykamaster.net/2016/06/345.html