371 स्कूलों के 32 हजार बच्चे रहेंगे प्यासे
परिषदीय स्कूलों के दूषित पानी उगल रहे 371 हैंडपंपों को रीबोर करवाने से जल निगम ने हाथ खड़े कर दिए हैं। इसके चलते हैंडपंप जुलाई में चालू नहीं हो पाएंगे और करीब 32 हजार बच्चे प्यासे रहेंगे। अब बीएसए ने विधायक निधि से रीबोर करवाने का प्रस्ताव तैयार किया है। हैंडपंपों को ग्राम प्रचायतों के सहयोग से भी दुरुस्त करवाने की रणनीति बनाई जा रही है।
बता दें कि जिला बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से पिछले माह जिले में संचालित 2426 परिषदीय स्कूलों में लगे हैंडपंप के पानी की जांच करवाई थी। जांच में प्राइमरी स्कूलों के 260 और जूनियर हाईस्कूलों के 111 हैंडपंप का पानी दूषित पाया गया था। पानी में हानिकारक तत्व भी मिले थे। इस पानी को बच्चे पिछले काफी दिनों से पी रहे थे। बीएसए ने बच्चों को शुद्ध पानी उपलब्ध करवाने के लिए इन हैंडपंपों का रिबोर करवाने का निर्णय लिया था।
इस कार्य के लिए जल निगम और डीपीआरओ को पत्र लिखा था। मगर अब जलनिगम ने हैंडपंपों को रीबोर करवाने से हाथ खड़े कर दिए हैं। इसका कारण निगम के अफसरोंने बजट ना होने की बात कही है। बीएसए वेदराम के अनुसार परिषदीय स्कूलाें के जिन 371 हैंडपंपों का पानी दूषित पाया गया था। इन हैंडपंपों को रीबोर करवाने के लिए जल निगम और डीपीआरओ को पत्र लिखा था। मगर जल निगम ने रीबोर करवाने से हाथ खड़े करते हुए बजट ना होने की बात कही है।
अब उन्होंने विधायक निधि से रीबोर करवाने के लिए प्रस्ताव तैयार किया है। हैंडपंपों को दुरुस्त करवाने के लिए ग्राम पंचायतों का भी सहयोग लिया जाएगा। चूंकि जुलाई में स्कूल खुल जाएंगे और प्रयास किया जा रहा है कि सभी हैंडपंपों को जल्द से जल्द चालू करवा दिया जाए ताकि बच्चों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध हो सके।