स्कूलों में मिनी नर्सरी का पैसा हजम कर गए गुरुजी
बुलंदशहर : जहां भारत सरकार और प्रदेश सरकार पर्यावरण को लेकर काफी ¨चतित है, वहीं परिषदीय विद्यालयों के गुरुजी पर्यावरण की ¨चता छोड़ मिनी का नर्सरी का पैसा ही हजम कर गए। शिक्षकों ने मिनी नर्सरी लगवाना तो दूर अधिकतर स्कूलों में पौधारोपण तक नहीं कराया। पिछले साल जुलाई माह में जिले के 2475 प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में मिनी नर्सरी लगाई जानी थी।
शासन ने परिषदीय विद्यालयों को हरा भरा बनाने के आदेश दिए थे। शासन का आदेश आने के बाद तत्कालीन बेसिक शिक्षा अधिकारी महेश चंद ने जुलाई 2015 में मिनी नर्सरी लगाने के आदेश दिए थे। मिनी नर्सरी में विभिन्न तरीके के पौधों का रोपण किया जाना था। विद्यालय स्तर पर छात्र-छात्राओं की टीम गठित करने के भी आदेश दिए गए थे, लेकिन बेसिक शिक्षा अधिकारियों के आदेश को हवा में उड़ाते हुए शिक्षकों ने मिनी नर्सरी तो दूर पौधारोपण तक नहीं कराया। खंड शिक्षा अधिकारियों को भी नर्सरी लगाने के आदेश दिए गए थे और सभी को अपने-अपने ब्लाक की रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा था। बीएसए ने मिनी नर्सरी लगाने के विद्यालय विकास अनुदान की राशि में से पैसे खर्च करने के आदेश जारी किए थे। प्रत्येक विद्यालय में विभिन्न तरीके के 20 से 30 पौधों का रोपण किया जाना था। विद्यालय विकास अनुदान में प्राथमिक विद्यालय को पांच हजार और उच्च प्राथमिक विद्यालय को सात हजार रुपए की राशि मिलती है। विभागीय सूत्रों की मानें तो शिक्षकों ने पौधों का रोपण तो नहीं कराया, लेकिन उन पौधों के नाम का पैसा जरूर हजम कर गए।