पांच सौ के सापेक्ष सिर्फ 67 ने कराई काउंसिलिंग
बलरामपुर : 15 हजार शिक्षकों की भर्ती के क्रम में मंगलवार को कराई गई काउंसिलिंग में अफरा तफरी का माहौल रहा। बड़ी संख्या में अभ्यर्थी इस भर्ती प्रक्रिया में गृह जनपद से प्रशिक्षण प्राप्त करने वालों को वरीयता दिए जाने आदि की मांग को लेकर काउंसिलिंग काउंटर व कार्यालय के चक्कर काटते रहे। इसमें 500 के सापेक्ष महज 67 अभ्यर्थियों ने काउंसिलिंग कराई है। पहले काउंसिलिंग कराने वाले अभ्यर्थियों को मिलाने के बाद जिले में सहायक अध्यापक के 205 पद रिक्त हैं।
बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा बीएलएड व डीएलएड अभ्यर्थियों को सूची में शामिल कर नई कट-ऑफ मेरिट जारी की गई थी। मेरिट में आने वाले अभ्यर्थियों को काउंसिलिंग के लिए मंगलवार को डॉयट पर बुलाया गया था। बड़ी संख्या में अभ्यर्थी डॉयट पहुंचे। डॉयट के काउंटर संख्या एक पर बीईओ रंजीत कुमार व सुनील त्रिपाठी, दो पर बीईओ महेंद्र कुमार व रक्षाराम एवं तीन पर खंड शिक्षा अधिकारी जगन्ननाथ यादव अभ्यार्थियों की काउंसिलिंग करते दिखे। अभ्यर्थी विभाग द्वारा जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान पर चस्पा सूची से अपना नाम व अनुक्रमांक देखकर संबंधित काउंटर पर अपने अभिलेख जमा कर काउंसिलिंग कराई। वहीं दूसरी ओर पुष्पराज सिंह के नेतृत्व में चंद्र प्रकाश मिश्र, अपरतिजा शुक्ला, देवेंद्र सिंह, जीतेंद्र पांडेय, मुकेश कुमार वर्मा, ज्ञान प्रकाश मिश्र रमा द्विवेदी राहुल बंसल आदि ने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी अरुण कुमार को ज्ञापन सौंपा। इनका आरोप है कि इस भर्ती प्रक्रिया में गृह जपनद अथवा बलरामपुर को प्रथम वरीयता देन वाले अभ्यर्थियों की भर्ती में वरीयता नहीं दी गई है। आरोप है कि विभाग द्वारा अभ्यर्थियों की काउंसिलिंग नियमों के तहत नहीं कराई जा रही है। साथ ही भर्ती में कट-ऑफ मेरिट जारी कर निर्धारित 500 पदों के सापेक्ष केवल एक पद पर एक ही अभ्यर्थी को काउंसिलिंग के लिए बुलाया गया है। अभ्यर्थियों ने प्रथम काउंसिलिंग के उपरांत जिले में सीटे रिक्त बचने पर पहले बलरामपुर जिले के अभ्यर्थियों की काउंसिलिंग कराने के बाद ही दूसरे जिलों के अभ्यर्थियों की काउंसिलिंग कराई जाए। काउंसिलिंग के दौरान डॉयट प्राचार्य हृदय नरायण त्रिपाठी, नगर कोतवाल अखिलानंद उपाध्याय सहित कई विभागीय अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहे।