अब महाहड़ताल पर जाएंगे 93 लाख कर्मचारी
सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों में अब तक सुधार न किए जाने के चलते नेशनल ज्वांइट काउन्सिल ऑफ एक्शन ने 11 जुलाई से देशव्यापी अनिश्चितकालीन महाहड़ताल की घोषणा की है। उत्तर प्रदेश राज्य कर्मचारी महासंघ के प्रांतीय अध्यक्ष अजय सिंह ने इस आंदोलन को समर्थन देने की घोषणा गुरुवार को प्रेस क्लब में की।
उन्होंने दावा किया कि यह इतिहास का सबसे बड़ा कर्मचारी आंदोलन होगा। जिसमें देश भर के 33 लाख केन्द्रीय कर्मचारी और 60 लाख राज्य कर्मचारी शामिल होंगे। उत्तर प्रदेश से 16 लाख कर्मचारी इस आंदोलन को बल देंगे। समर्थन देने वालों में राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के प्रांतीय अध्यक्ष हरिकिशोर तिवारी, केन्द्रीय कर्मचारी महासंघ के प्रतिनिधि वीरेन्द्र तिवारी, रेलवे के केएल श्रीवास्तव, आयकर विभाग के जेपी सिंह, शिव बरन सिंह यादव, बजरंग बली यादव, इंदिराभवन जवाहर भवन वेलफेयर सोसाइटी के समरजीत सिंह भी हैं।
महासंघ के प्रांतीय अध्यक्ष अजय सिंह और परिषद के प्रांतीय अध्यक्ष हरकिशोर तिवारी ने बताया कि सातवें वेतन आयोग में सिफारिशों में सुधार की मांग लम्बे समय से की जा रही है। पर अभी तक इस दिशा में कोई प्रगति नहीं हुई है।
प्रमुख मांगें
- हर महीने कम से कम 26000 रुपए वेतन राज्य कर्मचारी को दिया जाए
- वार्षिक वेतन वृद्धि पांच प्रतिशत की जाए
- पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू की जाए
- आउट र्सोंसग, ठेकेदारी, निजीकरण पर रोक लगायी जाए
- स्कीम वर्कर्स, आंगनबाड़ी, आशाबहु, रसोइया, ग्राम पंचायत रोजगार सेवक को कम से कम 18000 रुपए हर महीने दिया जाए
- आयकर की छूट सीमा को बढ़ाकर सात लाख किया जाए।
- महाहड़ताल में शामिल होंगे ये विभाग
- अजय सिंह के अनुसार इस कार्य बहिष्कार से रेलवे, पोस्टल, डिफेंस, आयकर जैसे महत्वपूर्ण विभागों के साथ उत्तर प्रदेश के वाणिज्यकर, स्वास्थ्य, शिक्षा, खाद्य एवं रसद, एक्साइज, रजिस्ट्री, सिचाईं, तहसील, कलैक्ट्रेट के कार्य प्रभावित होंगे।
- काफी समय बाद एक मंच पर आए दो बड़े नेता
- उत्तर प्रदेश राज्य कर्मचारी महासंघ के प्रांतीय अध्यक्ष अजय सिंह और राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के प्रांतीय अध्यक्ष हरकिशोर तिवारी नवम्बर 2013 में हुए कर्मचारी आंदोलन के बाद फिर से एक मंच पर दिखाई दिए। नेताओं ने बताया कि कर्मचारी हित और उनके आंदोलन के लिए वो कभी भी एक हो सकते हैं।