मुरादाबाद : मुख्यमंत्री की प्राथमिकता में शामिल मध्याह्न भोजन योजना में बड़ा घालमेल ।
जागरण संवाददाता, मुरादाबाद : मुख्यमंत्री की प्राथमिकता में शामिल मध्याह्न भोजन योजना में बड़ा घालमेल पकड़ में आया है। इससे शिक्षा विभाग के दावों की पोल खुल गयी है। गोपनीय जांच में पता चला कि 196 विद्यालयों में भोजन बनाने हेतु गैस सिलेंडर का प्रयोग नहीं किया जा रहा है। शिकायत मिली कि कहीं घर से खाना बनकर आ रहा है तो कहीं पर लकड़ियों पर बन रहा है।
समीक्षा में पता चला कि 47 विद्यालय ऐसे हैं जो मध्यान्ह भोजन बनाने में उच्च गुणवत्ता वाले मसाले/तेल का प्रयोग नहीं कर रहे हैं। यहां बता दें कि विद्यालयों में प्रधानाध्यापको संबंधित खंड शिक्षा अधिकारी को नियमित जाच करनी होती है। डीएम जुहैर बिन सगीर ने समीक्षा के दौरान गड़बड़ी मिलने पर असंतोष जताया। कहा कि सात दिन के भीतर उपरोक्त स्कूलों में हर हाल में गैस कनेक्शन हो जाने चाहिये। उन्होंने तेल एवं मसालों में गुणवत्ता से समझौता करने पर लिखित प्रमाण पत्र मांगा कि सभी विद्यालयों में उच्च गुणवत्ता वाले मसालों का प्रयोग किया जाए।
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मध्याह्न भोजन के लिए नहीं खरीदे बर्तन
मुरादाबाद: ग्राम पंचायतों के अर्न्तगत संचालित मध्यान्ह भोजन की समीक्षा में पता चला कि 410 प्राइमरी विद्यालयों में बर्तन क्रय नहीं किये गये हैं जबकि बर्तन क्रय करने के लिये धनराशि भेजी जा चुकी है। जबकि इसके लिए जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी की जिम्मेदारी होती है। डीएम ने समीक्षा में इसका पता चलने पर प्राइमरी विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों व खंड शिक्षा अधिकारी का स्पष्टीकरण मांगा है। उन्होंने कहा कि भेजी गई धनराशि का उपभोग कराएं अथवा प्रधानाध्यापक से वसूली कराएं किन्तु तत्काल रिपोर्ट उन्हे प्रस्तुत करें।