पहले दिन ही विवादों में घिरी बीटीसी कटआफ सूची
बेसिक शिक्षा में 15 हजार बीटीसी भर्ती का मामला
डीएम से शिकायत केे बाद बाबू ने सूची बदली, फिर भी अभ्यर्थी नहीं हुए संतुष्ट
बेसिक शिक्षा विभाग में 15 हजार बीटीसी शिक्षकों की भर्ती के लिए गुरुवार को जारी कटआफ सूची विवादों में घिर गई है। अभ्यर्थियों ने विशेष आरक्षण के नाम पर सीटें रोककर गड़बड़ी करने का आरोप लगाया है। असंतुष्ट अभ्यर्थियों ने इस मामले में बीएसए से शिकायत करने के बाद डीएम को ज्ञापन दिया, जिसके बाद शिक्षा विभाग में हलचल तेज हो गई। बाबू ने नोटिस बोर्ड पर चस्पा की गई कटआफ सूची को हटा दिया और थोड़ी देर बाद संशोधित कर दूसरी सूची जारी कर दी, लेकिन इसमें भी अभ्यर्थियों ने खेल करने का आरोप लगाया है।
प्राइमरी स्कूलों में 15 हजार बीटीसी भर्ती मामले में बीएसए संजय कुमार शुक्ला ने गुरुवार को 200 के सापेक्ष 182 अभ्यर्थियों की अनंतिम चयन कटआफ सूची नोटिस बोर्ड पर चस्पा करवा दी, जबकि 18 सीटें रोक ली गईं। रोकी गई 18 सीटों में से चार पद विशेष आरक्षण (भूतपूर्व सैनिक) के भरे जाने हैं। जबकि विशेष आरक्षण की रिक्त चार रिक्त सीटों के मुकाबले रोकी गई सीटों में सामान्य, एससी और ओबीसी की छह-छह सीटें शामिल हैं। विशेष आरक्षित चार सीटों की भर्ती के लिए अन्य वर्ग की 18 सीटें रोके जाने से हैरान अभ्यर्थियों ने कटआफ सूची पर सवाल खड़े किए। अभ्यर्थियों ने इस मामले में बीएसए से शिकायत की, लेकिन यहां कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला। लिहाजा अभ्यर्थियों ने डीएम आकाश दीप को ज्ञापन देकर विशेष आरक्षण के नाम पर धांधली करने का आरोप लगाया। डीएम ने मामले में बीएसए से पूछताछ की, जिसके कुछ देर बाद बीएसए कार्यालय में नोटिस बोर्ड पर चस्पा सूची को हटाकर दूसरी सूची चस्पा कर दी गई। इसमें संशोधन के नाम पर सामान्य, ओबीसी और एससी की पहली सूची में रोकी गई छह-छह सीटों से घटाकर चार-चार कर दी गई हैं। लिहाजा अब 188 अभ्यर्थियों की कटआफ जारी हो गई है।
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इतना है आरक्षण
200 की कटआफ में 10 फीसदी यानी 20 सीटें विशेष आरक्षण की हैं, जिसमें दो फीसदी फ्रीडम फाइटर आश्रित, पांच फीसदी भूतपूर्व सैनिक और तीन फीसदी सीटें विकलांगों को दी जानी हैं। कटआफ में चार सीटें भूूतपूर्व सैनिक की रिक्त होना दर्शाया गया है, जिनकी भर्ती के लिए सामान्य, ओबीसी और एससी की छह-छह सीटें यानी 18 सीटें रोक ली गईं। विरोध के बाद यह संख्या घटकर चार-चार यानी 12 तक सिमट गई है।
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तर्कों में उलझ रही कटआफ की कहानी
भूतपूर्व सैैनिकों की चार सीटों के मुकाबले अन्य वर्ग की छह-छह सीटें रोके जाने से सवाल खड़े होने लगे हैं, जिससे अभ्यर्थियों और विभागीय अधिकारियों के बीच तर्क होना लाजिमी है। गुरुवार को डीएम से लेकर बीएसए के पास अभ्यर्थियों ने अपनी जिज्ञासा शांत करने के लिए शिकायतें की, जिसके बाद रोकी गई सीटों की संख्या में बदलाव आया है। इस बावत अभी अफसर भी सीधे तौर पर कुछ भी कहने से बच रहे हैं या फिर तर्कों के जाल बुन रहे हैं। कटआफ सूची से आहत अभ्यर्थियों की मंशा शिक्षा विभाग के आला अधिकारियों के सामने मामला ले जाने की है।
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आरक्षण नियमावली के मुताबिक कटआफ जारी की गई है। विशेष आरक्षण के रिक्त चार पदों में किसी कैटेगरी का अभ्यर्थी हो सकता है, जिसकी भर्ती के बाद शेष पदों पर मेरिट के अनुसार भर्ती की जाएगी।
-संजय कुमार शुक्ला, बीएसए