🔴 लखनऊ : बीएसए कार्यालय में खंड शिक्षा अधिकारी को सौंपा ज्ञापन, प्रमोशन में आरक्षण के विरोध में शिक्षकों ने की नारेबाजी
लखनऊ। प्रमोशन में आरक्षण के विरोध में शिक्षकों के दो गुट आमने-सामने आ गए हैं। सर्वजन हिताय संरक्षण समिति के नेतृत्व में एक गुट ने गुरुवार को परिषदीय विद्यालयों में असंवैधानिक ढंग से प्रधान अध्यापक पद पर कार्यरत अनुसूचित जाति व जनजाति के शिक्षकों को तत्काल पदावनत करने की मांग पर बीएसए कार्यालय में नारेबाजी की। साथ ही मांग की है कि तत्काल डिमोशन कर रिक्त पदों पर उनका प्रमोशन किया जाए।
इस संबंध में शिक्षकों ने बीएसए कार्यालय में खंड शिक्षा अधिकारी मुईन अहमद को ज्ञापन सौंपा।शिक्षक सर्वेश शुक्ला ने बताया कि सर्वोच्च न्यायालय से आदेश आने के बाद 21 अगस्त 2015 को मुख्य सचिव ने सभी विभागों में डिमोशन करने के आदेश दिए थे। लेकिन बेसिक शिक्षा विभाग सोता रहा। नवंबर 2015 में उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव संजय सिन्हा ने भी खेद प्रकट करते हुए तत्काल डिमोशन करते हुए सूची मंगवाई।
फिर भी आज तक डिमोशन की कार्रवाई न हो सकी। जबकि मुख्य सचिव के आदेश के तत्काल बाद ही अन्य सभी विभागों में डिमोशन होकर रिक्त पदों पर पिछड़े व सामान्य वर्ग के लोग पदोन्नति पा चुके है। इस प्रक्रिया में विलम्ब से शिक्षकों में भी आपसी बैर पनप रहा है, जिससे उनमें रोष व्याप्त है। उन्होंने शिक्षकों के पदावनत की कार्रवाई तत्काल करने की मांग की है। बीएसए कार्यालय में ज्ञापन देने के बाद जिलाधिकारी को भी दिया गया गया।
इस मौके पर रूमी श्रीवास्तव, प्रभा सिंह, सुधा तिवारी, जबीउल्लाह सिद्दीकी, कफील खान, रमेश शुक्ल, सर्वेश शुक्ल, यादवेन्द्र पांडेय, शैलेन्द्र शुक्ला, कालिन्दी सिंह, प्रवीना श्रीवास्तव, अभिलाषा जैन, सुरेन्द्र पाल गुप्ता, कुमुद मिश्रा, रीना त्रिपाठी, अजय शुक्ला, सुरभि मिश्रा आदि शिामल रहे।
शिक्षकों ने प्रमोशन में आरक्षण का किया विरोध, बीएसए कार्यालय में हुआ प्रदर्शन
एनबीटी, लखनऊ: सर्वजन हिताय संरक्षण समिति के नेतृत्व में गुरुवार को प्राइमरी के शिक्षकों ने बेसिक शिक्षा अधिकारी(बीएसए) कार्यालय में प्रमोशन में आरक्षण का विरोध किया। शिक्षकों ने परिषदीय विद्यालयों में असंवैधानिक ढंग से प्रधान अध्यापक पद पर कार्यरत एससी-एसटी शिक्षकों को तत्काल डिमोट करने की मांग की। इस संबंध में शिक्षकों के पांच प्रतिनिधी मंडल ने बीएसए कार्यालय के खंड शिक्षा अधिकारी मुईन अहमद को और जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा।
शिक्षक सर्वेश शुक्ला ने बताया कि सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद 21 अगस्त 2015 को मुख्य सचिव ने सभी विभागों में डिमोट करने के आदेश दिए थे। इसके बावजूद बेसिक शिक्षा विभाग ने इस पर अमल नहीं किया। नवंबर 2015 में उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव संजय सिन्हा ने भी तत्काल डिमोशन करते हुए सूची मंगवाई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इससे शिक्षकों में गुस्सा है। इस मौके पर रूमी श्रीवास्तव, प्रभा सिंह, सुधा तिवारी, जबीउल्लाह सिद्दीकी, कफील खान शामिल रहे।
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