अमान्यता प्राप्त स्कूलों पर प्रशासन कसेगा शिकंजा
बेसिक शिक्षा विभाग ने बिना मान्यता के संचालित स्कूलों पर शिकंजा कसने का मन बना लिया है। इसके लिए शिक्षा विभाग 1 जुलाई से जांच अभियान शुरू करने जा रहा है। नगर की गली, मोहल्लों में पब्लिक स्कूलों की भरमार है।
यह पब्लिक स्कूल शिक्षा के नाम पर बच्चों से भारी फीस वसूलते है। प्रवेश प्रक्रिया से लेकर टीसी लेने तक अभिभावकों से पैसे वसूले जाते हैं। यह ऐसे स्कूल है जिन्हें बेसिक शिक्षा विभाग से मान्यता भी नहीं मिली है।
बिना मान्यता के चल रहे स्कूलों के संचालक पैसों के लालच में बच्चों का भविष्य बिगाड़ रहे हैं। इस संबंध में अभिभावक कई बार बेसिक अफसरों से शिकायत कर चुके हैं। मामले की गंभीरता पर बेसिक शिक्षा विभाग के अफसरों ने अमान्यता प्राप्त स्कूलों पर कार्रवाई का मन बनाया है। स्कूल खुलते ही यह कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी।
पूरे साल शिक्षा विभाग के अधिकारी स्कूलों की मान्यता की जांच नहीं करते। गर्मी की छुट्टियां समाप्त होते ही स्कूलों की मान्यता की जांच का अभियान चलाने का प्रचार किया जाता है।
सूत्रों की मानें तो कक्षा 5 और 8 की मान्यता लेने के लिए लाखों रुपये खर्च करने पड़ते है।
ऐसे में औपचारिकता भी पूरी हो या नहीं, सब चलता है। लेकिन अगर सुविधा शुल्क सही समय पर सही स्थान पर नहीं पहुंचता तो मान्यता की फाइल में तमाम आपत्तियां लगा दी जाती हैं तथा स्कूलों पर छापेमारी भी की जाती है।
नगर शिक्षा अधिकारी पंकज अग्रवाल का कहना है कि एक जुलाई से अमान्यता प्राप्त स्कूल संचालकों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी। बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ नहीं होने दिया जाएगा।