फर्जीवाड़ा करके शिक्षक बनने वालों की जाएगी नौकरी
उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद से जुड़े स्कूलों में फर्जी अभिलेख लगाकर चयनित होने वाले अध्यापकों की नौकरी जाएगी। बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से चयनित सहायक अध्यापकों के प्रमाण पत्रों के सत्यापन में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी पकड़ में आई है। सचिव बेसिक शिक्षा परिषद ने प्रदेश के सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को पत्र भेजकर फर्जीवाड़ा करने वाले चयनित एवं नियुक्त शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा है।
प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों, माध्यमिक विद्यालयों एवं राजकीय माध्यमिक विद्यालयों नियुक्ति में फर्जी प्रमाण पत्र लगाकर नियुक्ति पाने वालों के बारे में कार्रवाई करने में विभागीय अधिकारी लगातार हीलाहवाली कर रहे हैं। अधिकारियों की हीलाहवाली के कारण ही बेसिक शिक्षा परिषद से जुड़े स्कूलों में फर्जी प्रमाण पत्र लगाकर नौकरी हासिल करने वालों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हो रही है। बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से बीएसए को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि परिषदीय विद्यालयों में नियुक्त अध्यापकों के शैक्षिक अभिलेखों के सत्यापन में न सिर्फ शिथिलता बरती जा रही है, बल्कि जिन अध्यापकों के अभिलेख असत्यापित, फर्जी पाए गए हैं, उनके खिलाफ आवश्यक विधिक कार्रवाई भी लंबित है।
सचिव बेसिक शिक्षा परिषद संजय सिन्हा की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि नवनियुक्त अध्यापकों के अभिलेखों के सत्यापन को वरीयता देकर जांच पूरी कराई जाए। उन्होंने कहा है कि जिन अध्यापकों के शैक्षिक अभिलेखों कूटरचित अथवा फर्जी पाए गए हैं उनकी सेवाएं समाप्त करते हुए कठोर कार्रवाई की जाए। इसके लिए सचिव ने बीएसए से फर्जी अध्यापकों का विवरण तैयार करके कार्यालय को भेजने का निर्देश दिया है। इन अध्यापकों के खिलाफ विभाग की ओर से क्या कार्रवाई की गई, प्राथमिकी दर्ज करवाई गई कि नहीं इस बारे में पूरी जानकारी मांगी गई है। सचिव ने विभागीय कार्रवाई में शिथिलता बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की चेतावनी दी है।