पीलीभीत : करोड़ों खर्च होने के बाद बंद पड़े मॉडल स्कूल, सीबीएसई बोर्ड की तर्ज पर मॉडल स्कूलों में शिक्षा देने के लिए बने थे स्कूल
पीलीभीत : सीबीएसई बोर्ड की तर्ज पर मॉडल स्कूलों में शिक्षा देने के लिए जनपद में चार मॉडल स्कूल बनवाए गए, जो खंडहर का रूप लेते जा रहे हैं। स्कूल भवन बंद होने से बच्चों को पढ़ाई का लाभ नहीं मिल पा रहा है।
इस संबंध में माध्यमिक शिक्षा विभाग ने लिखापढ़ी शुरू की है। जनपद में माध्यमिक शिक्षा विभाग के 140 से अधिक राजकीय, सहायता प्राप्त व वित्तविहीन विद्यालय संचालित हो रहे हैं, जिनमें लाखों की संख्या में बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं। भारत सरकार की ओर से ग्रामीण बच्चों को सीबीएसई की तर्ज पर शिक्षा हासिल करने के लिए प्रत्येक जनपद में मॉडल स्कूलों की स्थापना की गई थी। जनपद में चार मॉडल स्कूल भवन बनवाए गए, जो अमरिया ब्लॉक के बढ़ेपुरा, ललौरीखेड़ा ब्लॉक के खमरिया पुल, बिलसंडा ब्लॉक के मरौरी खास, बरखेड़ा ब्लॉक के रामनगर जगत शामिल हैं।
प्रत्येक मॉडल स्कूल के निर्माण पर 302 लाख रुपये लागत आई। इस तरह चार स्कूल बनवाने पर करोड़ों रुपये खर्च किए गए। इस दौरान भारत सरकार ने मॉडल स्कूल योजना को बंद करने का फैसला ले लिया। सरकार के इस फैसले से ग्रामीण बच्चों को काफी नुकसान हुआ है। स्कूल की बिलिं्डग बनकर तैयार हो चुकी है, जो खंडहर के रूप में तब्दील होती जा रही हैं। अगर समय रहते मॉडल स्कूलों का संचालन शुरू नहीं किया गया, तो बिलिं्डग शिक्षण कार्य करने के अनुरूप नहीं रह जाएगी। स्कूल शुरू न होने से ग्रामीण बच्चों को इधर-उधर के स्कूलों में प्रवेश लेने को बाध्य होना पड़ रहा है। करोड़ों रुपए खर्च होने के बावजूद मॉडल स्कूलों में ताला लटक रहा है।
जिला विद्यालय निरीक्षक जयकरन लाल वर्मा ने बताया कि मॉडल स्कूलों को संचालित किया जाना था, लेकिन भारत सरकार ने योजना को ही बंद कर दिया। अब पीपीपी मॉडल पर स्कूल चलाने की रणनीति बनाई जा रही है। पिछले दिनों जेडी बरेली व मैंने स्कूलों का निरीक्षण किया था, जिसकी जांच रिपोर्ट भेज दी गई है। शासन स्तर से स्कूल चलाने की दिशा में किसी प्रकार का आदेश नहीं हुआ है।