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शाहजहाँपुर : उप शिक्षा निदेशक ने खंगाली विद्यालय की रसोई

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उप शिक्षा निदेशक ने खंगाली विद्यालय की रसोई

शाहजहांपुर : जहां परिषदीय विद्यालय में ग्रीष्मावकाश में बच्चों के न आने के नाम पर शिक्षकों ने हो-हल्ला मचाकर विद्यालयों की रसोइघर में ताला लगवा दिए। वहीं ब्लॉक ¨सधौली के विद्यालय में प्रधान ने एमडीएम का वितरण कर उन शिक्षकों को आईना दिखा दिया, जो कहते हैं कि बच्चे ग्रीष्मावकाश में स्कूल आना ही नहीं चाहते हैं। इसकी औचक जांच बेसिक शिक्षा महकमा के आला अफसर ने की तो उन्होंने ने भी प्रधान के जज्बे को सलाम करते हुए दांतों तले अंगुली दाबने पर मजबूर हो गए।

सहायक उप शिक्षा निदेशक मध्यान्ह भोजन प्राधिकरण राजेश कुमार शाही ने जनपद के परिषदीय विद्यालयों के एमडीएम की वास्तविकता की जांच की। उन्होंने ब्लॉक ¨सधौली व ददरौल के परिषदीय विद्यालयों का निरीक्षण किया। जहां कई विद्यालय बंद मिले। वहीं कुछ विद्यालयों ने एमडीएम का वितरण कर अन्य विद्यालय के प्रधानाध्यापकों के लिए एक मिसाल पेश कर दी है।

ब्लॉक ¨सधौली की ग्राम पंचायत मिश्रीपुर में सहायक उप शिक्षा निदेशक ने परिषदीय विद्यालयों का गहन निरीक्षण किया। वहां बच्चों को मध्यान्ह भोजन करते देख वह सकते में आ गए। एमडीएम के निरीक्षण दौरान उन्होंने कई विद्यालय चेक किए। इसमें प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालय पिपरिया में 168 पंजीकृत बच्चे सापेक्ष 50 बच्चों ने एमडीएम खाया। वहीं प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालय मिश्रीपुर में 162 पंजीकृत बच्चे सापेक्ष 74 बच्चों ने भोजन ग्रहण किया। जबकि प्राथमिक विद्यालय कमलापुर में 74 पंजीकृत बच्चे सापेक्ष 38 बच्चों ने मध्यान्ह भोजन ग्रहण करते पाया।

शिक्षा निदेशक शाही ने ग्राम प्रधान आशा देवी ताज्जुब जाहिर करते हुए सवाल उछाला मध्यान्ह भोजन का वितरण ग्रीष्मावकाश में होना चाहिए? अन्य विद्यालयों की तरह आपने एमडीएम का संचालन जारी रखने में कैसे सफलता पाई? इस पर ग्राम प्रधान ने आत्मविश्वास से कहा कि बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य, भोजन को लेकर सरकार सारे संसाधन उपलब्ध करा रही है। इसके बाद तो हमें तो केवल भोजन को बनवा कर वितरण ही तो करना है। यह विद्यालय, बच्चे और गांव हम सबका ही तो है। इसलिए प्रधानों का दायित्व है कि वह जिम्मेदारी निभाएं। यह बच्चे गैर नहीं अपने ही गांव के तो हैं। ग्रीष्मावकाश में प्रधानों को इसकी जिम्मेदारी उठा लेनी चाहिए। यदि शिक्षक एमडीएम का वितरण नहीं करना चाहते हैं। इस दौरान आशादेवी ने शिक्षक व प्रधानों का आवाहन कर कहा कि वह इस बेहतर योजना को ठप न कराएं। यह बच्चों का अधिकार है, उन्हें इस योजना लाभ से आच्छादित करना चाहिए। इस पर निदेशक शाही प्रधान के बारे में विवरण लिखकर ले गए।

इसी क्रम में टीम ने गुणवत्ता चेक करने के लिए पिपरिया में मध्यान्ह भोजन भी किया। इससे वह काफी हद तक संतुष्ट रहे। निरीक्षण दौरान जिला समन्वयक एमडीएम निश्चय ¨सह, खंड शिक्षा अधिकारी ¨सधौली सुरेश चंद्र पाल, एनपीआरसी जुबेर आलम शामिल रहे।

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