जिलाध्यक्ष के निलंबन पर गरजे शिक्षक
संवाद सहयोगी, हाथरस : फर्जी नियुक्ति के आरोप में उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष का निलंबन बीएसए के स्तर से कर दिया गया था। इस मामले की जानकारी लगते ही शुक्रवार को सैकड़ों शिक्षक एकत्रित होकर बीएसए कार्यालय पहुंच गए। जहां शिक्षकों ने जमकर नारेबाजी की। बातचीत के बाद आखिरकार बीएसए को निलंबन निरस्त करना पड़ा, तब कहीं जाकर शिक्षकों का आक्रोश शांत हो सका।
विकास खंड मुरसान के खेड़ा बरामई स्थित उच्च प्राथमिक विद्यालय में सुरेश कुमार शर्मा की तैनाती है। विगत दिनों सादाबाद तहसील दिवस में मथुरा निवासी रिटायर्ड शिक्षक बाबूलाल के द्वारा फर्जी तरीके से नौकरी हासिल करने का आरोप लगाते हुए शिकायत की थी। आरोप था कि मृतक आश्रित में नौकरी पायी गयी है। बीएसए रेखा सुमन ने उप जिलाधिकारी सादाबाद के पत्र के आधार पर संगठन के जिलाध्यक्ष को निलंबित कर दिया। शुक्रवार को जैसे ही निलंबन की जानकारी शिक्षक व शिक्षिकाओं को हुई तो सैकड़ों टीचर बीएसए कार्यालय पहुंच गए। जहां शिक्षकों ने जमकर नारेबाजी कर प्रदर्शन किया। करीब तीन घंटे तक चली वार्तालाप के बाद बीएसए ने निलंबन निरस्त कर दिया।
इनकी सुनो
फर्जी तरीके से नियुक्ति प्राप्त करने की शिकायत तहसील दिवस में आयी थी। जांच प्रभावित न हो इसके लिए उपजिलाधिकारी सादाबाद के निर्देश पर निलंबन किया गया था। अब जांच में पूरा सहयोग करने की बात शिक्षक ने लिखकर दी है। उसी के आधार पर निलंबन निरस्त करके आला अधिकारियों को अवगत करा दिया गया है।
रेखा सुमन, बीएसए, हाथरस।
एबीएसए से हुई नोकझोक
इस पूरे प्रकरण में शिक्षकों का शक खंड शिक्षा अधिकारी सादाबाद जितेन्द्र ¨सह के उपर जा रहा था। कार्यालय में शिक्षक नेताओं और खंड शिक्षा अधिकारी के बीच जमकर तनातनी हो गयी। एक दूसरे के उपर आरोप-प्रत्यारोप लगाये गये। आखिरकार अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद जाकर मामला शांत हो सका।
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छवि धूमिल करने की साजिश
उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष सुरेश कुमार शर्मा पिछले कई सालों से शिक्षकों के हितों की लड़ाई लड़ रहे हैं। फिर चाहे शिक्षकों के निलंबन हो जाने पर अधिकारियों के खिलाफ मोर्चा खोलने की बात हो। या फिर किसी शिक्षिका को ग्राम प्रधान आदि से दिक्कत होने पर शिक्षिका के संग खड़े होने की बात हो। उनकी छवि को खराब करने के लिए तत्कालीन बीएसए के कुछ चुनिंदा शिक्षक ऐसी करतूत कर रहे हैं। विगत दिनों तत्कालीन बीएसए के द्वारा किए गए अटैचमेंट की पोल भी जिलाध्यक्ष के स्तर से खोली गयी थी।
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