लखनऊ : निजी स्कूलों में मानदेय की नियमावली तैयार, प्रिंसिपल और सीमित टीचर्स को ही मिलेगा मानदेय
🔴 कला वर्ग के अलावा विज्ञान की मान्यता पर अतिरिक्त चार और कॉमर्स की मान्यता पर तीन और शिक्षकों को मानदेय
लखनऊ: निजी स्कूलों में तय संख्या में ही टीचरों को मानदेय दिया जाएगा। कला वर्ग की मान्यता होने पर हर स्कूल में एक प्रिंसिपल और छह शिक्षकों को मानदेय मिलेगा। साइंस की अतिरिक्त मान्यता पर चार और कॉमर्स की मान्यता पर तीन शिक्षकों को मानदेय मिलेगा। अतिरिक्त विषयों की मान्यता पर प्रति विषय एक टीचर का मानदेय दिया जाएगा। शिक्षा विभाग ने यूपी बोर्ड के निजी स्कूलों के शिक्षकों के मानदेय में यह प्रावधान किया है।
समाजवादी पार्टी ने अपने चुनाव घोषणा पत्र में निजी स्कूलों के शिक्षकों को मानदेय देने का वादा किया था। सरकार बनने के बाद से ही शिक्षकों की ओर से इसकी मांग उठने लगी थी। इसके लिए कई बार विधान परिषद से लेकर सड़क तक शिक्षकों ने आंदोलन किया। पिछले बजट सत्र में शिक्षकों के मानदेय का प्रावधान भी कर दिया गया। यूपी बोर्ड के निजी स्कूलों में शिक्षकों को मानदेय देने के लिए फिलहाल सरकार ने 200 करोड़ रुपये का बजट रखा है। शिक्षा विभाग ने जो आकलन कराया है, उसके मुताबिक 2,44,433 शिक्षक यूपी बोर्ड के निजी स्कूलों में हैं। सभी को इस बजट में मानदेय देना मुश्किल है। वहीं शिक्षकों की संख्या असीमित न हो जाए, इसके लिए मानदेय के लिए सीमा तय कर दी गई है। पहले चरण में इसी नियमावली के अनुसार शिक्षकों को मानदेय दिया जाएगा।
अंशकालिक शिक्षकों को मानदेय नहीं
तय संख्या के साथ ही शिक्षा विभाग ने यह भी शर्त रखी है कि उन शिक्षकों को ही मानदेय दिया जाएगा, जो पूर्णकालिक हैं। अंशकालिक शिक्षक इस दायरे से बाहर रहेंगे। यह भी जरूरी है कि वे तीन साल से एक ही स्कूल में पढ़ा रहे हों। जो तीन साल से एक ही स्कूल में नहीं पढ़ा रहे होंगे उन्हें इस सुविधा का लाभ नहीं मिलेगा। शिक्षा विभाग ने नियम और शर्तों के साथ नियमावली तैयार करके शासन को भेज दी है।•
सरकार हमारी मांगें मानकर मानदेय देने जा रही है, इसके लिए हम धन्यवाद देते हैं। यह भी मांग करते हैं कि बजट बढ़ाया जाए और सभी शिक्षकों को मानदेय के दायरे में लाया जाए।
-उमेश द्विवेदी, कार्यकारी अध्यक्ष, वित्त विहीन शिक्षक महासभा