लखनऊ : नामी स्कूलों में गरीब बच्चों का दाखिला हुआ मुश्किल, चहेतों को नामी स्कूल में दाखिले देने का आरोप, बेसिक शिक्षा अधिकारी से अभिभावकों की तू-तू-मैं-मैं
लखनऊ : एडमिशन के लिए चक्कर लगा रहे अभिभावकों का आरोप है कि जिला समन्वयक श्रीमती विजय लक्ष्मी अपने नियमों के हिसाब से चहेतों को तो अच्छे स्कूल दे रही हैं, लेकिन बाकी लोगों के लिए नये-नये नियमों की बातें कहकर सी ग्रेड के स्कूल पकड़ा रही हैं। यही नहीं बहस करने पर फुल हो चुके स्कूल में फार्म भेज दिया जाता है, जिससे अभिभावक रोजाना स्कूल व विभाग में ही दौड़ते रह जाते हैं। इस बावत बेसिक शिक्षा अधिकारी प्रवीण कुमार त्रिपाठी ने कहा कि इस वर्ष 3400 फार्म आए हैं, 2200 का सत्यापन हो गया है, बाकी का हो रहा है। उन्होंने चहेतों को नामी स्कूल देने के आरोप पर कहा कि लोगों की धारण है, लेकिन वह लोग नियमों के हिसाब से ही स्कूलों का आवंटन कर रहे हैं।
श्री त्रिपाठी ने कहा कि एक किलोमीटर के दायरे में आने वाले स्कूल ही आवंटित किये जा रहे हैं। बेसिक शिक्षा विभाग के आरटीई सेल में नियम-कानून की धज्जियां खुद अधिकारी व बाबू उड़ा रहे हैं, लेकिन जब उनसे सवाल किया जाता है तो वे उसे नेतागिरी का नाम देकर अभिभावकों को कमरे से धक्के मारकर निकालने का आदेश दे देते हैं। रहीमनगर निवासी राशिद अली के बेटे मो.अरजान खान के फार्म पर उन्हें इन्दिरानगर स्थित विमला देवी मेमोरियल स्कूल पकड़ा दिया गया, जो उनके घर से चार किलोमीटर दूर है।
यही हाल आलमनगर रोड सआदतगंज निवासी प्रत्यूषा गुप्ता को राजाजीपुरम के एलपीएस स्कूल में एडमिशन दिया गया है। कुछ यही बानगी आस्था गौतम व अनुष्का गौतम के साथ भी है, आलमनगर निवासी बच्चों को राजाजीपुरम के सिटी एकेडमी में दाखिला दिया गया है। खरिका वार्ड तेलीबाग निवासी पंकजा यादव के बच्चे कृष्ण गोपाल यादव को साऊथसिटी के एलपीएस में दाखिला दिया गया है तो वहीं मड़ियांव निवासी अरविन्द गुप्ता के बेटे अनिकेत को जिस बाल निकुंज विद्यालय में एडमिशन मिला है वहां पहले से ही सीटें फुल हैं। विशाल अग्रवाल के बेटे अर्थव को भी स्तरहीन स्कूल लेने का दबाव बनाया जा रहा है।
इन्हीं सब शिकायतों को लेकर जब अभिभावक बेसिक शिक्षा अधिकारी प्रवीण मणि त्रिपाठी के पास पहुंचे तो वे अपना आपा खो बैठे। उन्होंने अभिभावकों से अपने काम से काम रखने की नसीहत देते हुए नेतागिरी न करने को कहा। जब अभिभावकों ने अपनी समस्याएं बतायीं तो उन्होंने गार्ड बुलाकर कहा कि इन सभी को धक्के मारकर बाहर निकाल दो। अभिभावकों ने बताया कि उन्हें डर है कि बीएसए उनके बच्चे के भविष्य के साथ खिलवाड़ न कर दें।